महाराष्ट्र सरकार द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद अब मुंबई पुलिस को मुंबई की ही एक अदालत ने इस मामले से जुड़े 14 लोगों समेत बाकी उन लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं जो इस से जुड़े हुए हैं। वहीं लखनऊ पुलिस ने भी इस मामले में इस शो के प्रतिभागियों पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
ज्ञात हो तो इस शो के खिलाफ एक कार्यकर्त्ता संतोष दौंडकर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें उन्होंने शो पर अश्लीलता का आरोप लगते हुए कहा था कि इस शो में उन दर्शकों के सामने जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी, अश्लील, भद्दे और गाली-गलौज वाले शब्दों को परोसा गया है। कल इस शिकायत पर एक अतितिक्त मजिस्ट्रेट सी एस बाविस्कर ने कल अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "इस शिकायत को जांच और रिपोर्ट के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन के लिए भेजा गया है।
वहीं दौंडकर की वकील आभा सिंह ने बताया, "शो की वीडियो को ऑनलाइन और सोशियल मीडिया पर भी अपलोड किया गया था।"
इसके अलावा इस शिकायत में इस जगह पर भी आपत्ति जताई गई है जिस जगह इस शो को आयोजित किया गया था। आभा ने कहा, "वह स्थान जहाँ शो आयोजित किया गया था उस स्थान को खेलों से जुडी गतिविधियों के लिए चुना गया था। लेकिन 20 जनवरी को वर्ली दक्षिण मुंबई के भारतीय राष्ट्रीय खेल क्लब के 'एसवीपी स्टेडियम' में इस तरह की अश्लील और भद्दी गतिविधि को आयोजित किया गया जिसमें बॉलीवुड की नामी-गिरामी हस्तियां शामिल थी। शिकायती नामों में जिनके नाम शामिल हैं उनमें एनएससीआई के अध्यक्ष जयंती लाल शाह, एनएससीआई सचिव रविंदर अग्रवाल, बॉलीवुड हस्तियों में करण जौहर, रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, दीपिका पादुकोण और अलिया भट्ट, फिल्म समीक्षक राजीव मसंद, रोहन जोशी, तन्मय भट्ट, गुरसिमरन खम्बा, आशीष शाक्य, और अदिति मित्तल जैसे लोकप्रिय स्टैंड अप कॉमेडियन शामिल हैं।
दौंडकर ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (अश्लीलता) और 509 (शब्द, भाव, औरत के शील का अपमान करने का इरादा ) और मुंबई पुलिस अधिनियम, पर्यावरण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत एफआईआर के पंजीकरण की मांग की है।
वहीं सोमवार को मुंबई उच्च न्यायालय ने सरकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।लखनऊ में एफआईआर लखनऊ स्थित कार्यकर्ता, कैलाश चंद्र पांडेय द्वारा दायर एक शिकायत पर दर्ज की गई है।
अपनी शिकायत में कार्यकर्ता ने वीडियो को 'अश्लील' सामग्री और 'भारतीय संस्कृति के खिलाफ' बताया है।