निर्देशक: श्रीराम राघवन
रेटिंग: *** 1/2 श्रीराम राघवन ने अभी तक महज चार फ़िल्में 'एक हसीना थी' (2004), 'जॉनी गद्दार' (2007) 'एजेंट विनोद (2012) और चौथी फिल्म 'बदलापुर' बनाई हैं। जिनमें से उनकी पहली तीन फ़िल्में आलोचनात्मक और बॉक्स ऑफिस कमाई दोनों ही हिसाब से असफल रही थी। लेकिन इस बार उन्होंने जिस फिल्म 'बदलापुर' का निर्देशन किया है वह उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म है। यह फिल्म श्रीराम राघवन को एक बेहतरीन निर्देशक के तौर पर एक पहचान दिला सकती है।
फिल्म अपने नाम से ही कहानी के केंद्र को बयान कर देती है। यह फिल्म बदले की कहानी पर आधारित है। फिल्म एक ऐसे युवक रघु की कहानी है अपनी पत्नी मिशा (यामी गौतम) और बच्चे के साथ सुखी जीवन बिता रहा है। लेकिन इनके सुखी परिवार को उस समय किसी की बुरी नजर लग जाती है जब दो लुटेरे लायक और हरमन बैंक लूटकर रघु के घर में छिप जाते हैं। वह वहां न सिर्फ तोड़-फोड़ करते हैं बल्कि रघु की पत्नी और बच्चे को भी मौत के घाट उतार देते हैं। जब रघु अपने उजड़े परिवार को देखता है तो उसका सिर्फ एक ही मकसद बचता है और वह है बदला।
फिल्म की कहानी बेहद साधारण सी लेकिन बांध कर रखने वाली है। जिस पर किरदारों का अभिनय और भारी पड़ता है। फिल्म का तीखा मजाक कहीं-कहीं गुद-गुदाने में भी कामयाब है। वहीं अपनी पत्नी और बच्चे को खो चुके युवक का असहनीय दर्द भी दिल के नाजुक तारों को छेड़ने में सफल दिखता है।
अगर अभिनय की बात की जाए तो इस फिल्म में जो सबसे देखने लायक तत्व है वह एही नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी और वरुण धवन का अभिनय। यहाँ तक कि वह दर्शकों को आश्चर्य में डाल सकते हैं। अभिनय के मामले में कहा जा सकता है कि वरुण धवन और नवाजुद्दीन के लिए यह फिल्म उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म कही जा सकती है। वहीं फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अच्छा अभिनय किया है। फिल्म में यामी जो कि मुख्य अभिनेत्री थी उनके हिस्से में करने के लिए कुछ खास नहीं था।
वहीं इस दुखद प्रेम कहानी का संगीत पहले ही अपनी खासी पहचान बना चुका है। जिसमें सचिन-जिगर ने संगीत दिया है। कुल मिलकर फिल्म देखने लायक है। वहीं नवाजुद्दीन और वरुण धवन के चाहने वालों को यह फिल्म बेहद पसंद आएगी।