एक दंपत्ति की शादी को कई साल हो गए पर उनके कोई बच्चा नहीं हुआ डॉक्टरों की मदद ली पर व्यर्थ,पर उन्हें भगवान पर भरोसा था, आखिरकार वे ईश्वर की मदद लेने के लिए एक साधु के पास पहुंचे, साधु ने कहा बेटे, तुम बहुत ही सही समय पर आए हो, मैं कुछ सालों के लिए तपस्या करने हिमालय पर्वत जा रहा हूं उस तपस्या के दौरान मैं एक दीप प्रज्वलित करूंगा जिससे तुम्हें अवश्य ही संतान प्राप्त होगी!
पंद्रह वर्ष बाद जब वो साधु महाराज लौटे तो सबसे पहले यह जानने की इच्छा हुई कि उस दंपति के कोई संतान हुई या नहीं अगले ही दिन वे उन दंपत्ति के घर पहुंचे!
जैसे ही दरवाजा खुला तो साधु ने देखा कि लगभग एक दर्जन बच्चे आंगन में धमाल मचाये खेल कूद रहे हैं और हैरान परेशान सी पत्नी उनके बीच खड़ी हुई है!
साधु ने पूछा: क्या ये सब तुम्हारे ही बच्चे हैं? महिला ने कहा जी हां!
साधु: प्रभु का बहुत धन्यवाद! मेरी तपस्या सफल हुई!
अच्छा यह बताओ, तुम्हारे पति दिखाई नहीं दे रहे, कहां गए हैं?
महिला: हिमालय पर्वत!
साधु: हिमालय पर्वत! क्यों?
महिला: जो दीपक आपने जलाया था, उसे बुझाने के लिए…..