बुढ़िया कहाँ गई!

एक बार एक बुढ़िया मर गयी तो उसकी बेटी जोर-जोर से रोने लगी और बोली।

बेटी: "अम्मा कहाँ गयी तू, जहां ना धूप-ना छाँव, ना रोटी-ना सब्जी, ना बिजली ना पानी।

साथ में ही संता और बंता भी शोक मनाने गये हुए थे।

संता ने साथ में बैठे बंता को कोहनी मारी और बोला, "अबे देख बुढ़िया कहीं हमारे घर पे तो नहीं चली गयी?"