संता ने पीने की गंदी लत छोडऩे का मन बनाया और अपने घर में से दारू की कई बोतलें उठाईं और फेंकने लगा।
पहली खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरा घर बरबाद कर दिया जा भाड़ में"।
दूसरी खाली बोतल उठाते हुए,"तूने मेरी बीवी से मेरा तलाक करवा दिया ले तेरा काम तमाम"।
तीसरी खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरे बच्चों से मुझे जुदा करवा दिया, जा तू भी जहन्नुम में जा"।
चौथी खाली बोतल फेंकते हुए,"तूने मेरी नौकरी छुड़वा दी तू भी चूर-चूर हो जा"।
पांचवीं बोतल उसके हाथ में भरी हुई आ गयी तो संता बोला, "तू यहीं पड़ी रह इन सारी चीजों में तेरा कोई दोष नहीं है"।