पत्नी चालीसा!

नमो नमो पत्नी महारानी;
तुम्हारी महिमा कोई ना जानी!

हमने समझा तुम अबला हो;
पर तुम तो सबसे बड़ी बला हो!

जिस दिन हाथ में बेलन आवे;
उस दिन पति खूब चिल्लावे!

सारे बेड पे पत्नी सोवे;
पति बैठा फर्श पे रोवे!

तुमसे ही घर मथुरा काशी;
और तुमसे ही घर सत्यानाशी!

पति चालीसा जो नर गावे सब सुख छोड़ परम दुःख पावे;
भूत पिशाच नज़र आ जावे, पत्नी जब असल रूप में आवे!