आलस की भी हद है!

संता और बंता एक रोज आलस के मारे एक कमरे में लेटे हुए थे।

बंता: यार जरा बाहर जाकर तो देख, बारिश हो रही है क्या?

संता: हाँ, बारिश हो रही है।

बंता: बिना देखे ही तू कैसे कह सकता है?

संता: अभी-अभी जो बिल्ली अंदर आई थी वो भीगी हुई थी, इसका मतलब बारिश हो रही है।

थोड़ी देर बाद बंता फिर बोला, "जरा बत्ती तो बुझा दे यार, मुझे रौशनी में नींद नहीं आती।"

संता: आंखें बंद कर लो अपने-आप अंधेरा हो जायेगा।

बंता झल्लाकर बोला, "कम से कम दरवाजा तो बंद कर ले।"

संता: अब दो काम मैंने कर दिए, एक-आध काम तू खुद भी कर ले।