मोहल्लेदारी

आज सुबह मोहल्ले के गोयल साहब घर पर आए। गर्मी, महंगाई और रिश्तेदारों के बारे में दो घंटे बातचीत की। मैने चाय का पूछा तो उन्होंने नींबू पानी पीने की ख्वाहिश की, क्योंकि आजकल नींबू पानी पीना कोरोना में बहुत मुफीद है।

दो घंटे के बाद जाते हुए ढेरों दुआएं दी और बोले: अब ऊपर वाले ने चाहा तो पंद्रह दिन बाद ही मुलाकात होगी। डाक्टरों ने दो हफ्ते के लिए क्वांरटाइन ईलाज बताया है।

कह रहे थे कि इस दौरान किसी से मिलिए जुलिये नहीं, तो मैंने सोचा कि आज ही सारे मोहल्ले वालो से मिल आऊं।

आखिर मौहल्लेदारी भी कोई चीज होती है।