जांबाज़ वकील की दास्तान!

वकील साहब को दाँत निकलवाने का ख़र्च दाँत के डॉक्टर ने 1200/- रुपए बताया!

वकील: कोई सस्ता इलाज नहीं है डॉक्टर साहब?

डॉक्टर: बिना एनेस्थीसिया के 300 रुपए में हो जाएगा, मगर दर्द बहुत सहना होगा।

वकील: ठीक है डॉक्टर साहब, बिना एनेस्थीसिया वाला कीजिए।

डॉक्टर ने किया! उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि वकील दर्द से ज़रा भी नहीं कराहा, बल्कि मुस्कुराता ही रहा!

काम होने के बाद आश्चर्यचकित डॉक्टर ने 300/- रुपए फीस भी नहीं ली! बल्कि, अपनी तरफ़ से उसे 500/- रुपए का ईनाम दिया कि ऐसा जाँबाज़ शख़्स उसने ज़िंदगी में नहीं देखा। 

शाम को डॉक्टर्स क्लब में अन्य डॉक्टर्स के साथ उसने वकील नामक पेशेंट की जाँबाज़ी का किस्सा शेयर किया!

सारे डॉक्टर्स में से एक डॉक्टर उठा और चिल्लाया, "अरे, वो वकील पहले मेरे पास आया था! मैंने उसे एनेस्थीसिया दिया और कहा कि वो आधा घंटा बाहर इंतज़ार करे! आधे घंटे बाद जब मैंने उसे बुलाया तो पता लगा कि वो तो भाग गया है!"

हर बाप का एक बाप होता है! उसे हम 'वकील साहब' कहते हैं!