धृतराष्ट्र: मैं बहुत खुश हूँ प्रिय, तुमने मुझे 100 पुत्र दिये।
गंधारी: यह संभव ना होता स्वामी, अगर आप अंधे ना होते।
धृतराष्ट्र: तुम्हारा मतलब क्या है प्रिय, यह बच्चे मेरे नहीं तो किसके हैं?
गंधारी: पता नहीं स्वामी, मैंने भी तो आँखों पर पट्टी बांध रखी है।

1. सरकारी काम और टट्टे हमेशा लटके रहते हैं।
2. गरीब और मम्मे हमेशा दबाये जाते हैं।
3. लंड और मुसीबत कभी भी खड़े हो सकते हैं।
5. चूत और दूध फटने पर हमेशा औरत ही चिल्लाती है।
6. गांड और नियत हमेशा साफ़ रखो।

औरतों के दो करिश्मे:
1. बिना घास खाये दूध देती हैं।
2. लौड़ा नहीं होता फिर भी मर्दों की गांड मार लेती हैं।

बकरी की जान तलवार के नीचे;
लड़की की जान सलवार के नीचे;
जो चली जाये, मत भागो उसके पीछे;
प्यार करो उसे, जो सलवार खोले ख़ुशी से।

सेक्रेटरी: बॉस, मेरे पास आपके लिए एक बुरी ख़बर है और एक अच्छी ख़बर भी।
बॉस: देखो बुरी ख़बर का इंतज़ार तो मैं सुबह से कर रहा हूँ, तुम मुझे अच्छी खबर सुनाओ।
सेक्रेटरी: अच्छी ख़बर यह है कि आप नपुंसक नहीं हैं।

एक आदमी अपने बेटे को सब्ज़ी मण्डी ले गया और बताने लगा कि जो चीज़ ख़रीदनी हो उसे दबाकर देख लेना चाहिए।
कुछ दिनों बाद उसका बेटा भागता-भागता उसके दफ्तर पहुंचा और हांफते-हांफते बोला, "पिताजी, पिताजी! एक आदमी मम्मी को ख़रीदना चाहता है।"

एक बूढ़ा एक लड़की को छेड़ रहा था।
लड़की गुस्से से, "शर्म करो तुम्हारे सिर के सारे बाल सफ़ेद हो गए हैं।"
बूढ़ा: अगर ऊपर सफ़ेद राख नज़र आये तो यह नहीं समझना चाहिए कि नीचे आग नहीं होगी।

गर्लफ्रेंड ने अपने बॉयफ्रेंड की फटी अंडरवियर देख कर पूछा, "तुम देसी चड्डी पहनते हो ब्रांडेड नहीं?"
बॉयफ्रेंड: जात ना पूछो साधु की पूछ लीजियो ज्ञान;
मोल करो तलवार का फटी रहने दो म्यान।

कुत्ते ने गधे को सोते देखा तो उसकी गाँड में लंड घुसाने लगा।
गधा: क्या कर रहे हो?
कुत्ता हँसते हुए, "मज़ाक कर रहा हूँ"।
गधा: मैं मज़ाक करूँगा तो भोसड़ी के, आँखें बाहर आ जाएँगी।

एक साधू बाल खोलकर महिला शौचायल में घुस गया।
औरत: बहन जी, कौन सा महीना चल रहा है?
साधू: 11वां।
औरत: तभी तो बच्चे का एक हाथ बाहर है।