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आज का कुविचार:
ज़िंदगी में कुछ पकड़ना है तो बुलंदियों को पकड़ो;
बात-बात पर लंड पकड़ने से कुछ नहीं मिलेगा।

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चाहता तो हूँ कि ये दुनिया बदल दूँ पर...
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चूत के जुगाड़ में लगे रहने से फुर्सत नहीं मिलती!

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ना जाने कैसी नजर लगी है जमाने की,
जगह ही नहीं मिल रही है बजाने की।

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सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फ़ाजों में जब उसने कहा...
खूंटे पर बैठ कर फाड़ लूँगी पर तुझे नही दूंगी।

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दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर, जब मासूमियत से वो कहती है,
"थूक-थाक कुछ तो लगालो... बिल्कुल जान निकालोगे क्या?"

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सारी खुदाई एक तरफ;
झांट खुजाई एक तरफ।

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साला मुझे लगता है कि लंड के पास भी कान हैं...
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पता नहीं साला चूत का नाम सुनते ही खड़ा हो जाता है।

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अगर सारा जहान मेरा होता, फिर भी मैं तेरा होता;
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और अगर मैं 13 होता, तो तुम्हें जरुर 14 होता!

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सर्दियों के लिए विशेष:
किसी शायर ने खूब कहा है,
चूत मारने का मज़ा भी तभी आता है ग़ालिब जब,
मौसम हो जाड़े का और भोसड़ा हो भाड़े का।

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एक सर्वे के अनुसार मिसकॉल दूसरी सबसे ज्यादा मारी जाने वाली चीज़ है।
गांड तीसरे नंबर पे और मुठ अभी भी पहले नंबर पे है।

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