औरतें भी क्या-क्या सहती हैं! आदमी गुस्से में हो तो हाथ उठा देता है, खुश हो तो टाँगे!
देश में शराफत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि... कोई ऐसा नहीं है जो मिया खलीफा को नहीं जानता!
भाभी: ऐ जी सुबह अपने मियाँ ख़लीफ़ा पर ट्वीट किये थे, आखिर कौन है ये मियाँ ख़लीफ़ा? मिश्रा जी: तू रहने दे पगली, क्या करोगी जान कर, वो 'वीर्य रस' की बहुत बड़ी कवित्री है!
बचपन में भूतों के सपने,
जवानी में चूतों के सपने,
बुढ़ापे में भूतों के सपने,
दिमाग की माँ-बहन एक कर के रख देते हैं!
अगर इतनी ठंड में भी आपका शोना मना कर रहा है तो
समझ लीजिये कि उसके हीटर को कोई और ताप रहा है!
लघु कथा:
एक खूबसूरत लड़की उल्लासित होकर नयी साड़ी पहन कर पति से पूछ बैठी... कैसी दिख रही हूँ मैं?
और...
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थोडी देर बाद वही साड़ी उसे दोबारा पहननी पडी।
एक दावत में बुजुर्ग महिला: बिटिया, अभी तक तुम्हारी शादी वगैरह हुई कि नहीं?
लड़की: शादी तो नहीं, लेकिन वगैरह हो चुका है कई बार!
ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ यूँ है ग़ालिब;
ब्लाउज कब ब्रा बन गयी, मालूम ही नहीं चला!
ठंड में सिर्फ दिन ही छोटा नहीं होता!
नाम में क्या रखा है साहब,
दिया नाम की लड़की भी बिना दिए ही चली जाती है!