लड़कियाँ अगर गोरी ना होती;
लड़कियाँ अगर सोहनी ना होती;
लड़कों के दिल की चोरी ना होती;
कोई ना पूछता उनके हुस्न को;
अगर उनकी टांगो के बीच में मोरी ना होती।

"ताज महल" बनाया तो कौन सा पहाड़ गिराया, आखिर "शाह जहां" बड़ी हस्ती थी;
अरे, ताज महल तो हम भी बनवा देते, लेकिन हमारी मुमताज ही गश्ती थी!

गम में भी हमको जीना आता है;
सेक्स करके भी पसीना आता है;
एक हम हैं कि तुम्हें अक्सर मैसेज करते हैं;
एक तुम्हारा मैसेज है, जैसे औरतों को महीना आता है!

पलट कर देख जानेमन, जिगर मे दम हम भी रखते हैं;
ब्रा में दो बम्ब तुम रखती हो तो चड्डी मे एक गन हम भी रखते हैं!

लड़की अपनी मर्ज़ी से दे तो प्यार;
दोस्त दिलाएँ तो ऊपहार;
घर वाले दिलाएँ तो संस्कार;
और हम अपने आप ले लें तो बलात्कार!

मोहब्बत भी कितनी अजीब बीमारी है;
मोहब्बत भी कितनी अजीब बीमारी है;
अरे, मुझे भी कोई मैसेज भेजा करो;
मैंने क्या तुम्हारी मारी है?

गम में भी हमको जीना आता है;
सेक्स करके भी पसीना आता है;
एक हम हैं, कि तुम्हें अक्सर मैसेज करते हैं;
एक तुम्हारा मैसेज है, जैसे औरतों को महीना आता है!

उसने उतारी साड़ी;
फिर आई पेटीकोट की बारी;
ब्लाउज तो पहले ही दिया था उतार;
ज्यादा उत्साहित मत हो यार;
यह तो था, कपड़े सुखाने का तार!

जब तेरे चीकू थे, सब तेरे पीछू थे;
जब तेरे आम हुए, सब परेशान हुए;
जब तेरे खरबूजे हुए, बड़े-बड़े अजूबे हुए;
जब तेरे झूल गए, सब तुझे भूल गए!

रोये हम इस कदर, उनकी बाहों में लिपटकर;
कि वो खुद ब्रा उतारकर बोली, "ले दुधु पी ले, और अब चुप कर!"