पत्नी: मुझे तलाक चाहिए!
पति: ठंड में तो नहीं दूँगा!
पत्नी: तो फिर ठंड में, मैं भी नही दूंगी!
सुबह उठता हूँ तो ऐसा लगता है कि माँ चोद दूँ दुनिया की और रात होते-होते ऐसा लगता है कि माँ चुदाये दुनिया!
बस ये दोनों अनुभूतियों के बीच के समय में जो अपनी गाँड मरती है उसी का नाम, ज़िंदगी है!
बचपन में भूतों के सपने,
जवानी में चूतों के सपने,
बुढ़ापे में भूतों के सपने,
दिमाग की माँ-बहन एक कर के रख देते हैं!
अगर इतनी ठंड में भी आपका शोना मना कर रहा है तो
समझ लीजिये कि उसके हीटर को कोई और ताप रहा है!
गब्बर: छ गोली और आदमी तीन, बहुत नाइंसाफी है!
सांभा: सरदार चूतिया मत बनाओ! कोई नाइंसाफी नहीं है! 3 आदमियों की, 6 ही गोलियां होती हैं!
एक भी अश्लील शब्द बिना इस्तेमाल किये छोटा सा नॉन-वेज मज़ाक:
डॉक्टर: उलटी होती है क्या?
औरत: आप बोलो तो हो जाती हूँ।
लघु कथा:
एक खूबसूरत लड़की उल्लासित होकर नयी साड़ी पहन कर पति से पूछ बैठी... कैसी दिख रही हूँ मैं?
और...
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थोडी देर बाद वही साड़ी उसे दोबारा पहननी पडी।
एक दावत में बुजुर्ग महिला: बिटिया, अभी तक तुम्हारी शादी वगैरह हुई कि नहीं?
लड़की: शादी तो नहीं, लेकिन वगैरह हो चुका है कई बार!
ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ यूँ है ग़ालिब;
ब्लाउज कब ब्रा बन गयी, मालूम ही नहीं चला!
ठंड में सिर्फ दिन ही छोटा नहीं होता!