मुझे इतनी फुर्सत कहाँ कि मैं तक़दीर का लिखा देखूं;
बस लोगों की गांड जलती देख कर समझ जाता हूँ... कि मेरी तक़दीर बुलंद है।
प्रिय दिसंबर,
तुम कृपा वापिस आ जाओ, तुम तो सिर्फ नहाने नहीं देते थे। जनवरी
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तो गांड भी धोने नहीं दे रहा।
कितनी कठोर विडंबना है कुदरत की:
फूलों का राजा गुलाब, कांटो में रहता है;
और जीवन का निर्माता लंड, झाटो में रहता हैं।

ये नया साल आपको मुंह से लेकर पिछवाड़े तक सुख समृधि दे।
कोई भोसड़ी का आपकी झाट का बाल ना उखाड़ सके;
आप सफलता की ऐसी माँ चोदे कि आपकी फट जाये;
आप पर आने वाले दुखों की बहन चुद जाये;
कामयाबी हमेशा आपकी गांड में घुसी रहे।
नये साल की एडवांस में गांड फाड़ बधाई।
आदमी केवल 2 समस्याओं के साथ रहता है:
पहली: ये साला इतना खड़ा क्यों होता है?
दूसरी: ये साला आज-कल खड़ा क्यों नहीं होता है?
जीवन में इतना आगे बढ़ो, इतना आगे बढ़ो कि आगे वाला पूछे, "गाँड में घुसेगा क्या भोसड़ी के?"
एक लड़की छाता ठीक करवाने गयी।
दुकानदार: ऊपर का कपड़ा उतारना पड़ेगा और नीचे डण्डा डालना पड़ेगा।
लड़की: जो मर्ज़ी करो बस पानी अंदर नहीं गिरना चाहिए।
लड़की रिक्शा वाले से: अंदर तक जायेगा ना।
रिक्शा वाला: जी बिलकुल जायेगा, आपके लिए ही तो खड़ा किया है।
लड़की: ठीक है, तो घुमा के पीछे ले लो।
एक बूढ़ा आदमी एक लड़की से सेक्स करते हुए कंप-कंपाने लगा।
लड़की बोली: क्या हुआ?
बूढ़ा: पता नहीं डार्लिंग, पानी निकलने वाला है या आत्मा।

जज: तुमने इसका रेप क्यों किया?
बिहारी: हमने रेप नहीं किया, मैडम ने खुद बोला करने को।
जज: क्या बोला तुमको?
बिहारी: मैडम कोई टॉफ़ी खा रही थी, मैंने टॉफ़ी का नाम पूछा तो बोली, "आ पेल ले बे, (Alpenlibe) तो हमने भी पेल दिया ससुरी को।"