निर्देशक: जॉन फेवरियू
रेटिंग: *** लेखक-निर्देशक जॉन फेवरियू की यह इंडी फिल्म 'शेफ' एक ऐसी फिल्म है जो एक ऐसे शैफ के जीवन के आसपास घूमती है, जो अपनी पाक कला को लेकर काफी भावुक है।
कार्ल कैस्पर (जॉन फेवरियू), जो एक प्रतिष्ठित एलए रेस्टोरेंट का सेलिब्रिटी शेफ है। जिसका मालिक रीवा (डस्टिन हॉफमैन) है। कार्ल लोकप्रिय समीक्षक और लेखक रैमसे मिशेल (ओलिवर प्लैट), के लिए मैन्यू तैयार करने के लिए बहुत उस्ताहित है, जो वहां शाम को डिनर पर आने वाला है।
लेकिन दुर्भाग्यवश, रीवा उसे रेस्टोरेंट के लोकप्रिय मेन्यू में फेरबदल करने के लिए मना कर देता है। जिसके बाद रैमसे अपने ऑनलाइन रिव्यू में कार्ल के बारे में "अरे बकवास है" लिख देता है।
इसके बाद इस लेख को मिली ट्विटर प्रतिक्रियाओं के बाद कार्ल एक बार फिर से रैमसे को उसके प्रायोगिक खाने के लिए रेस्टोरेंट बुलाना चाहता है। लेकिन इस बार भी उसका भाग्य साथ नहीं देता और रिवा अपने फैसले पर कायम रहता हैं। वह कैस्पर को रेस्टोरेंट से निकाल देता है और कैस्पर झुंझला कर रह जाता है।
इसके बाद गुस्साया कैस्पर देर रात को जबरजस्ती रेस्टोरेंट में घुस आता है, और वहां पहुंच कर उलटी सीधी हरकतें करता है। लेकिन साथ ही वह कैमरे में भी कैद हो जाता है और यह खबर पूरी तरह से फ़ैल जाती है, और कैस्पर लोगों की हंसी का पात्र बन जाता है।
अब वह बेरोजगार हो जाता है और उसके पास पैसों की भी कमी हो जाती है। लेकिन फिर उसे उसकी पूर्व पत्नी इनेज़ (सोफिया वरगारा) की तरफ से उसके बेटे पर्सी (एमजे एंथोनी) के लिए एक 'मियामी में नैनी' के तौर पर काम करने का प्रस्ताव आता है। जब वह मियामी में एक नैनी के तौर पर काम कर थोड़ी से अच्छी स्थिति में आ जाता है तो इसके बाद उसे उसके नए मालिकों द्वारा एक नया कार्य सौंपा जाता है और एक बार फिर से व अपनी खाद्य कला की और अग्रसर होता है और इस बार कार्ल वह करता है जो उसका दिल करता है।
फिल्म की कहानी के बारे में कहा जा सकता है कि फेवरियू ने फिल्म की कहानी दिल की गहराइयों से लिखी है। वहीं कैस्पर ने भी उनके चरित्र को उसी तरह से चरितार्थ किया है।
सोफ़िया वरगारा की कर्कश लेकिन मोहक आवाज काफी प्रभावित करती है। उन्होंने एक चिंतित माँ और पत्नी दोनों का ही किरदार निभाया है। एक बाल कलाकार के रूप में एमजे एंथोनी काफी शानदार रहे, वहीं मार्टिन कैस्पर के प्रति वफादार सहायक के रूप में जॉन लेगुइज़मो ने भी अपना अच्छा योगदान दिया। मौली के रूप में रॉबर्ट डाउनी जूनियर और स्कारलेट जोहानसन मौली के रूप में रेस्टोरेंट के परिचारिका थे, जिनके पास किरदार में ढलने के लिए ज्यादा नही था।
फिल्म का निर्माण बेहतरीन तरीके से किया गया है। वहीं क्रेमर मोर्गेंथाऊ के कैमरे काम भी काफी शानदार है। खाद्य उत्पादों की कुछ तस्वीरें इतनी शानदार हैं जो देखते ही भूख की भावना जागृत कर देती हैं। वहीं फिल्म के दूर से फिल्माए गए दृश्य ऐसे प्रतीत होते हैं मानो आप मियामी में ही बैठे हो। लातीनी स्पेनिश संगीत के साथ फिल्म का बैकग्राउंड भी उल्लेखनीय है।