एक बार संता को बवासीर हो जाती है तो वह एक हकीम के पास जाता है और अपनी परेशानी बताता है जो सुन कर हकीम उसे कहता है, " तुम्हे रोज़ मरहम लगवाने आना पड़ेगा"। संता वैसा ही करता है और रोजाना हकीम के पास मरहम लगवाने जाने लगता है। हकीम उसे चार दिन मरहम लगाता है और कहता है कि, "अब तुम्हारी बीमारी काफी ठीक हो गयी है, इसीलिए अब तुम घर पर अपनी बीवी से भी मरहम लगवा सकते हो"। अगले दिन जब जीतो, संता को मरहम लगाने लगती है तो अपना एक हाथ संता के कंधे पर रख लेती है, जो देख कर संता थोडा चौंक सा जाता है और जीतो से पूछता है, "जीतो तेरा एक हाथ तो मेरे कंधे पर है पर तेरा दूसरा हाथ कहाँ है?" जीतो: उस से मैं तुम्हे मरहम लगा रही हूँ। संता गुस्से मैं उठता है और कुछ सोच कर कहता है, " तेरा एक हाथ मेरे कंधे पर है और दूसरे हाथ से तू मरहम लगा रही है, तो वो भोंसड़ी का हकीम कैसे अपने दोनों हाथ मेरे कंधे पर रखता था"। |