ग़ालिब की शायराना डकैती!

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    मिर्ज़ा ग़ालिब गरीबी से तंग आकर डाकू बन गए और डकैती करने एक बैंक गए और कहा, " अर्ज़ किया है"।

    तक़दीर में जो है वही मिलेगा,
    हैंड्स-अप मादरचोदों कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...

    फिर कैशियर से कहा,
    कुछ ख्वाब मेरी आँखों से निकाल दे,
    जो कुछ भी है भोंसड़ी के, जल्दी से इस बैग में डाल दे...

    बहुत कोशिश करता हूँ उसकी याद भुलाने की,
    तुम्हारी माँ का भोंसडा, कोई कोशिश न करना पुलिस बुलाने की...

    भुला दे मुझको क्या जाता है तेरा,
    मैं माँ चोद दूंगा उसकी, जो किसी ने पीछा किया मेरा...

  • किस्मत का खेल! एक बार एक नंगी लड़की बीसवी मंजिल से गिरी।
    अठारहवी मंजिल पर एक आदमी ने उसे पकड़ लिया और बोला, "चूसेगी"...
  • जवाब एक करोड़ का! एक बार संता एक सवाल-जवाब प्रतियोगिता में भाग लेता है और अंतिम चरण तक पहुँच जाता है जहां पर कि प्रतियोगिता के आयोजक उस से कहते हैं...
  • दौलत की लकीर! एक बार एक लड़की गरीबी से परेशान हो कर ज्योतिषी के पास जाती है और अपना हाथ दिखा कर कहती है, बाबा जी क्या मेरे नसीब में दौलत की लकीर है...
  • संता की चटनी! एक संता अपनी पत्नी के साथ सैक्स कर रहा था, की अचानक दरवाज़े की घंटी बजी।
    संता: कौन है?
    बाहर से आवाज़ आई...
  • शिकारी हकीम! एक बार संता को बवासीर हो जाती है तो वह एक हकीम के पास जाता है और अपनी परेशानी बताता है जो सुन कर हकीम उसे कहता है, " तुम्हे रोज़ मरहम लगवाने रोज आना पड़ेगा"...
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