एक बार कक्षा में गुरु जी पढ़ा रहे थे तो उन्होंने बच्चों से एक विचित्र प्रश्न पूछा। गुरूजी: बच्चो बताओ घर-बार किसे कहते हैं और एक पति के जीवन में इसके महत्व की विवेचना कीजिये। सभी बच्चे चुप हो गए। किसी को कोई उत्तर ना सूझा। गुरु जी: क्या हुआ, क्या इस कक्षा में ऐसा कोई नहीं है जो इसका उत्तर दे सके। तभी अचानक एक छात्र ने अपना हाथ ऊपर किया। गुरु जी: हाँ बेटा बताओ क्या कहना चाहते हो? छात्र: गुरु जी घर-बार का एक पति के जीवन में बड़ा महत्तव है। घर में पत्नी द्वारा उत्पन्न किये गए तनाव से मुक्त होने हेतु पति घर से बार में चला जाता है और बार में ज्यादा चढ़ जाने पर बार से घर आ जाता है। घर और बार के इस चक्र को ही घर-बार कहते हैं। गुरु जी ने छात्र का नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेज दिया है और खुद सुबह से बार में बैठे हैं। |