90 वर्षीय एक सज्जन की दस करोड़ की लाटरी लग गई। इतनी बड़ी खबर सुनकर कहीं दादाजी खुशी से मर न जाएं, यह सोचकर उनके घरवालों ने उन्हें तुरंत जानकारी नहीं दी। सबने तय किया कि पहले एक डॉक्टर को बुलवाया जाए फिर उसकी मौजूदगी में उन्हें यह समाचार दिया जाए ताकि दिल का दौरा पड़ने की हालत में वह स्थिति को संभाल सके। शहर के जानेमाने दिल के डॉक्टर से संपर्क किया गया। डॉक्टर साहब ने घरवालों को आश्वस्त किया और कहा, "आप लोग चिंता ना करें, दादाजी को यह समाचार मैं खुद दूंगा और उन्हें कुछ नहीं होगा, यह मेरी गारंटी है।" डॉक्टर साहब दादाजी के पास गए कुछ देर इधर उधर की बातें कीं फिर बोले, "दादाजी, मैं आपको एक शुभ समाचार देना चाहता हूं। आपके नाम दस करोड़ की लाटरी निकली हैं।" दादाजी बोले, "अच्छा! लेकिन मैं इस उम्र में इतने पैसों का क्या करूंगा पर अब तूने यह खबर सुनाई है तो जा, आधी रकम मैंने तुझे दी।" यह सुन डॉक्टर साहब धम् से जमीन पर गिरे और उनके प्राण पखेरू उड़ गए। |
विभिन्न आयु के छात्रो का सबसे अच्छा सामूहिक उदाहरण:
पहली से तीसरी कक्षा तक: मुझे तो पूरा पर्चा आता था। चौथी से छटी कक्षा तक: यार 8 नंबर वाला प्रश्न तो बहुत मुश्किल था मैंने सिर्फ उसे ही छोड़ा है। सातवी से दसवी कक्षा तक: मैंने तो सिर्फ मुख्य ही प्रश्न किये हैं। ग्यारवी कक्षा में: मुझे लगता है पास होने के लिए चार पाठ पढ़ना बहुत है। बाहरवीं कक्षा: कल पेपर कौन सा है यार। और कॉलेज के दिनों में: सालों बता तो देते आज पेपर है, मैं तो पेन भी नहीं लाया। |
कौरव और पांडव बीच बड़ा ही घमासान युद्ध चल रहा था कि तभी दुर्योधन की नज़र पांडवों के पीछे खड़े आदमी पर पड़ी।
दुर्योधन: चल यार युधिष्टिर बाय यार हमने नहीं लड़ना तुम्हारे साथ। युधिष्ठिर: क्या हुआ? दुर्योधन: नहीं यार बस बाय, ले यार तू अपना हस्तिनापुर भी वापस ले ले, और द्रौपदी भाभी से हम खुद जाकर सॉरी कह देंगे, हमने नहीं लड़ना तुम्हारे साथ, तू खुश रह। युधिष्ठिर: अबे रुक तो सही? दुर्योधन: नहीं यार भाई बस माफ़ कर तू हमें और जाने दे। युधिष्ठिर: यार दुर्योधन भाई नहीं है तू मेरा बता तो सही हुआ क्या? दुर्योधन: कुछ नहीं यार भाई बात ही खत्म, ना कोई चिंता ना कोई फ़िक्र मज़े ही मज़े। युधिष्ठिर: नहीं पहले बता प्लीज़, तुझे मेरी कसम क्या हुआ बता ना? दुर्योधन: बस रहने दे यार, साला ज़रा सी बात थी और तूने रजनीकांत को बुला लिया। |
दोस्तों आज हम कुछ मुहावरों के आधुनिक अर्थ जानेंगे। जो हमरे वैवाहिक जीवन में इस्तेमाल होते हैं।
1. सुख की जान दुःख में डालना - शादी करना 2. आ बैल मुझे मार - पत्नी को लड़ाई के लिए आमंत्रित करना 3. दीवार से सर फोड़ना - पत्नी को कुछ समझाना 4. चार दिन की चाँदनी वहीं अँधेरी रात - पत्नी का मायके से घर आना 5. आत्म हत्या के लिए प्रेरित करना - शादी की राय देना 6. दुश्मनी निभाना - दोस्तों की शादी करवना 7. खुद का स्वार्थ देखना - शादी ना करना 8. पाप की सजा मिलना - शादी हो जाना 9. लव मैरिज करना - लड़ाई के लिए जोड़ीदार खुद ढूंढ़ना 10. जिंदगी के मज़े लेना - कुँवारा रहना 11. ओखली में सर देना - शादी के लिए हाँ करना 12. दो पाठो में पीसना - दूसरी शादी करना 13. खुद को लुटते हुए देखना - पत्नी का पर्स से पैसे निकालना 14. पैरों तले से जमीन खिसकना - पत्नी सामने दिखना 15. गलती पर पछताना - शादी के फ़ोटो देखना 16. सर मुंडाते ही ओले पड़ना - परीक्षा में फेल होते ही शादी हो जाना 17. शादी के लिए हाँ करना - स्वेच्छा से आत्महत्या करना 18. शादी - बिना अपराध की सजा 19. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना - दूसरों के दुःख से खुश होना 20. साली आधी घर वाली - वो स्कीम जो दूल्हे को बताई जाती है लेकिन दी नहीं जाती। |