संता-बंता Hindi Jokes

  • संता की बेइतबारी!

    एक बार संता और बंता, किसी बियर बार में बियर पीने गये। जब वह पीने लगे तो बंता बोला, "लगता है बाहर बारिश हो रही है। तुम ऐसा करो घर जाकर जल्दी से छतरी ले आओ।"

    संता गुर्राया: मुझे पता है मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बियर पी जाओगे।

    बंता ने उसे यकीन दिलाया कि वो उसकी बियर नहीं पियेगा। उसके हिस्से की बियर ज्यों की त्यों रखी रहेगी।

    संता यह सुनकर मान गया और छतरी लेने चला गया।

    जब रात गहराने लगी पर संता छतरी लेकर नहीं लौटा तो बंता ने सोचा शायद संता घर पर ही रुक गया है और अब नहीं आएगा। यही सोच कर उसने संता का बियर वाला गिलास उठाया ही था कि बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई, "अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा।"
  • चोरी पकड़ी गयी!

    एक दिन संता ने अपनी भाभी को खूब मारा। उसके चिल्लाने की आवाज सुन कर पड़ोसी देखने आ गए और संता से पूछने लगे कि क्या बात हो गयी, इतना क्यों मार रहे हो अपनी भाभी को?

    संता(गुस्से में): भाईसाहब ये हमारी पीठ पीछे छुप -छुप के रोज मेरे सभी दोस्तों से बाते करती है।

    पडोसी: तुम्हे कैसे पता लगा?

    संता: अरे मैं जब भी अपने किसी दोस्त से पूछता हूँ कि वो फ़ोन पर किस बात कर रहे हैं, वो यही कहता है 'तुम्हारी भाभी से'।
  • संता की उदासी का कारण!

    संता बार में गया तो बार टेंडर ने उसे पूछा, "क्या लोगे आज?"

    संता: बस एक बियर।

    बार टेंडर: क्या हुआ? आज तुम कुछ ठीक नहीं लग रहे, इतने उदास क्यों हो?

    संता: मेरा मेरी बीवी से झगड़ा हो गया था, उसने मुझे कहा कि वो एक महीने तक मुझसे बात नहीं करेगी।

    बार टेंडर: फिर उसमे क्या दिक्कत है?

    संता: आज एक महीना पूरा हो गया।
  • कहीं शुरू न हो जाये!

    एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"

    जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई।

    चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।"

    जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी।

    थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।"

    जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।"

    संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।"