एक दिन संता ऑफिस जाने के लिए जब बस में चढ़ा तो कंडक्टर ने हँसते हुए पूछा, "कल रात आप ठीक-ठाक घर पहुँच गए थे? कहीं गिरे तो नहीं या रास्ता तो नहीं भूले थे घर का?" संता (गुस्से से): क्यों, कल रात को मुझे क्या हुआ था? कंडक्टर: कल रात आप नशे में टुन्न थे। संता: तुम कैसे कह सकते हो कि कल रात मैं नशे में था। हमने तो आपस में कोई बात भी नहीं की थी। कंडक्टर: जी, वो ऐसा है कि कल रात जब आप बस में बैठे हुए थे तब एक मैडम बस में चढ़ी थी और आपने उन्हें उठकर अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा था। संता (हैरानी से): तो क्या किसी महिला को सीट देना कोई गुनाह है? कंडक्टर (हँसते हुए): गुनाह तो नहीं है पर जब आप ने उनको सीट के लिए पूछा उस समय बस तो पहले से ही खाली थी। |
एक दिन बंता जब संता से मिलने गया तो उसने देखा कि संता बहुत परेशान है। उसने संता से उसकी परेशानी का कारण पूछा। बंता: क्या हुआ बड़ा परेशान लग रहा है? संता: हाँ यार थोड़ी तबियत ख़राब है। बंता: क्या हो गया? डॉक्टर को दिखाया तुमने? संता: थोड़ा दिल में दर्द हो रहा है। डॉक्टर मेहता को दिखाने जा रहा हूँ। बंता: पर वो तो बच्चों के डॉक्टर हैं। संता: हाँ पर इसका इलाज़ वही कर सकते हैं। बंता: तू पागल हो गया है क्या? दिल का इलाज़ दिल का डॉक्टर करेगा। बच्चो का डॉक्टर नहीं। संता: यार तुम नहीं समझेगा डॉक्टर मेहता ही मेरा इलाज़ कर सकेंगे। बंता: वो कैसे? संता: तुमने सुना नहीं 'दिल तो बच्चा है जी'। |
एक आदमी ने मोटर साइकिल पर बैठ कर सिनेमा हाल के सामने संता से एक सवाल पूछा। आदमी: भाईसाहब, मोटर साइकिल का स्टैंड कहाँ है? संता: भाईसाब, पहले आप अपना नाम बताइये? आदमी: रमेश। संता: आपके माता-पिता क्या करते हैं? आदमी: क्यों? भाई साहब मैं लेट हो जाऊंगा और फिल्म शुरू हो जाएगी। संता: तो जल्दी बताओ? आदमी: मेरी माँ एक डॉक्टर हैं और मेरे पिता जी इंजीनियर हैं। अब बता दीजिये? संता: आपके नाम कोई जमीन जायजाद है? आदमी: हाँ, गांव में एक खेत मेरे नाम है? प्लीज़ भाई साहब अब बता दीजिये स्टैंड कहाँ है? संता: आखिरी सवाल, तुम पढ़े लिखे हो? आदमी: जी हाँ, मैं MBA कर रहा हूँ। अब बताइये जल्दी से। संता: भाई साहब, देखिये आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि इतनी अच्छी है, आपके माता पिता दोनों उच्च शिक्षित हैं, आप खुद भी इतने पढ़े लिखे हैं पर मुझे अफ़सोस है कि आप इतनी सी बात नहीं जानते कि मोटर साइकिल का स्टैंड उसके नीचे लगा होता है। एक बड़ा और एक साइड वाला। |
एक बार एक गाँव में तीर-अंदाज़ी की प्रतियोगिता चल रही रही थी। 3 नकाबपोश आदमी उसमे भाग लेने के लिए आये। पहले नकाबपोश ने तीर चलाया और तीरा लक्ष्य के ठीक बीचों-बीच जाकर लगा। आदमी ने अपना नक़ाब उतारा और बोला, "मैं रॉबिन हुड हूँ।" लोगों ने खूब तलिया बजायी और उसका स्वागत किया। फिर दूसरे नकाबपोश ने तीर चलाया तो तीर लक्ष्य के बीच लगे रॉबिन हुड के तीर को चीरता हुआ चला गया। उसने अपना नक़ाब उतार और बोला, "मैं विलियम टेल हूँ।" अब तीसरे आदमी ने तीर चलाया तो तीर लक्ष्य से बहुत दूर जाकर गिरा। आदमी ने अपना नक़ाब उतारा तो संता था। सभी लोग उसे घूर-घूर कर देख रहे थे तो संता बोला, "माफ़ करना दोस्तो मैं सीख रहा हूँ।" |