Hindi Jokes

  • आलस की हद!

    तीन आलसी कामचोर एक साथ खाना खा रहे थे! खाने में नमक कम था तो सवाल उठा कि नमक कौन लाएगा?एक आलसी बोला: जो पहले बोलेगा वो नमक लाएगा!

    सब बैठे रहे ना कोई बोला और ना ही किसी ने खाना खाया!

    3 दिन गुजर गए और तीनों बेहोश हो गए!

    लोगों ने सोचा तीनों मर चुके हैं! अंतिम संस्कार की तैयारी हुई!पहले को जलाया जाने लगा तो वह बोल पड़ा, "अरे मैं जिंदा हूँ!"

    तभी बाकी दो आलसी चिल्लाये: चल बेटा, अब नमक ला।
  • सच्चा प्यार किससे?

    एक बार पप्पू, गोलू और राजू इस बारे में चर्चा कर रहे होते हैं कि किस देश के आदमी कैसे होते है!

    पहले पप्पू ने जापानी लोगों के बारे में बताया;

    पप्पू: इनकी एक पत्नी और एक गर्लफ्रेंड होती है, लेकिन वो अपनी पत्नी को ज्यादा पसंद करते है!

    उसके बाद गोलू ने अमेरिकी लोगों के बारे में बताया;

    गोलू: इनकी एक पत्नी और एक गर्लफेंड्र होती है, लेकिन ये अपनी गर्लफेंड्र को ज्यादा प्यार करते है;

    सबसे अंत में राजू की बारी आई तो वो कुछ देर सोच में पड़ गया और कुछ देर के बाद भारतीयों के बारे में बोलना शुरू किया;

    राजू: इनकी एक पत्नी और चार गर्लफेंड्र होती है, लेकिन ये अपने घर की नौकरानी से ज्यादा प्यार करते हैं!
  • पठान की बहादुरी!

    एक बार पठान अपनी बेगम के साथ मेला देखने गया। मेले में हवाई जहाज की सैर भी करवाते थे।

    पठान ने सोचा कि चलो हम भी हवाई जहाज की सैर कर लेते हैं लेकिन 200 रुपये की टिकट सुनकर पठान का मुंह लटक गया।

    यह देखकर चालक बोला, "आप हवाई जहाज में आधा घंटा सैर कर सकते हैं। इस दौरान अगर आप के मुंह से आवाज़ निकली तो मैं आप से टिकट के पैसे लूंगा, नहीं तो यह सैर आप के लिए मुफ्त।"

    पठान सुन कर खुश हो गया और मान गया।

    दोनों जहाज में बैठ गए और चालक ने अपने करतब दिखाने शुरू कर दिए। चक्कर बनाया, उल्टा घुमाया और कभी डाइव लगायी।

    आखिर में उसने जहाज नीचे उतारा।

    नीचे उतरने के बाद चालक बोला, "मान गए पठान साहब आपको, इस तरह के करतबों के साथ तो किसी की भी चीखें निकल जाती लेकिन आपने तो एक आवाज़ नहीं निकाली।"

    पठान ने अपने माथे से पसीना पोंछा और बोला, "अब आपको कैसे बताऊँ कि किस तरह मैंने अपने आप को रोका यहाँ तक कि बेगम के बाहर गिरने पर भी मैं नहीं बोला क्योंकि 200 रुपये का सवाल था।"
  • बोलो सत्यनारायण भगवान की जय!

    गुप्ता जी के पड़ोस में सत्यनारायण कथा की आरती हो रही थी, आरती की थाली गुप्ता जी के सामने आने पर, गुप्ता जी ने अपनी जेब में से छाँट कर कटा फटा दस रूपये का नोट कोई देखे नहीं, ऐसे डाला।

    वहाँ अत्यधिक ठसाठस भीड़ थी। गुप्ता जी के कंधे पर ठीक पीछे वाली आंटी ने थपकी मार कर गुप्ता जी की ओर 2000 रूपये का नोट बढ़ाया। गुप्ता जी ने उनसे नोट ले कर आरती की थाली में डाल दिया।

    गुप्ता जी को अपने 10 रूपये डालने पर थोड़ी लज्जा भी आई। बाहर निकलते समय गुप्ता जी ने उन आंटी को श्रद्धा पूर्वक नमस्कार किया, तब आंटी ने गुप्ता जी को बताया कि 10 का नोट निकालते समय आपका 2000 का नोट जेब से गिरा था, वो ही आपको वापिस किया था।

    गुप्ता जी कोमा में हैं।