एक आदमी की शादी को 20 साल हो गए थे लेकिन उसने आज तक अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ नहीं की। एक दिन जब वो दफ्तर से घर वापस आ रहा था तो रास्ते में उसे एक बाबा मिले। बाबा ने उस आदमी को रोका और कुछ खाने को माँगा तो आदमी ने बाबा को खाना खिला दिया। बाबा आदमी से बहुत प्रसन्न हुए तो उन्होंने आदमी से कहा कि अगर उसे कोई समस्या है तो बताओ, हम उसका हल कर देंगे। आदमी बोला, "बाबा जी, बहुत समय से कोशिश कर रहा हूँ लेकिन काम में तरक्की नहीं हो रही।" बाबा: बेटा, तुमने अपनी पत्नी के खाने की कभी तारीफ नहीं की। अपनी पत्नी के खाने की तारीफ करो, तुम्हें अवश्य तरक्की मिलेगी। आदमी बाबा को धन्यवाद बोल कर चल दिया। घर पहुँच कर उसकी पत्नी ने खाना परोसा, आदमी ने खाना खाया और खाने की जम कर तारीफ की। पत्नी एक दम से उठी और रसोई घर से बेलन लेकर आई और आदमी की पिटाई शुरू कर दी। आदमी: क्या हुआ? मैं तो तुम्हारे खाने की तारीफ कर रहा हूँ। पत्नी: 20 साल हो गए आज तक तो खाने की तारीफ नहीं की और आज जब पड़ोसन खाना दे कर गयी है तो तुम्हें ज़िन्दगी का मज़ा आ गया। |
योग दिवस को मैं कुछ इस तरह से मना रहा हूँ, रात उसके पैर दबाए थे अब पोछा लगा रहा हूँ। धो रहा हूँ बर्तन और बना रहा हूँ चपाती, मेरे ख्याल से यही होती है कपालभाति। एक हाथ से पैसे देकर, दुजे हाथ में सामान ला रहा हूँ मैं, और इस प्रक्रिया को अनुलोम विलोम बता रहा हूँ मैं। सुबह से ही मैं घर के सारे काम कर रहा हूँ, बस इसी तरह से यारो प्राणायाम कर रहा हूँ। मेरी सारी गलतियों की जालिम ऐसी सजा देती हैं, योगो का महायोग अर्थात मुर्गा बना देती हैं। हे मोदी, हे रामदेव अगर आप गृहस्थी बसाते, तो हम योग दिवस नहीं पत्नी दिवस मनाते। |
1. ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी। 2. इनसे बनाकर रखना, मजबूरी है। 3. इनका मूड पता ही नहीं चलता, कब बिगड़ जाए। 4. अगर वे प्यार से बात करें तो अलर्ट हो जाएं। 5. दोनों ही खतरनाक धमकी देते हैं। 6. इनसे बहस में जीतना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। 7. ये पिछला हिसाब याद रखते हैं। 8. अपने राज कभी नहीं खोलते। 9. इनको जबर्दस्ती तारीफ चाहिए। 10. सुन भले ही आपकी लें पर करेंगे अपने मन की ही। 11. दोनों ही रौब से काम लेते हैं। 12. इनकी नजर हमेशा आपकी जेब पर रहती है। ~ सूचना जनहित में जारी! |
एक बार एक पत्नी अपने पति के बटुए की तलाशी ले रही होती है तो उसे उसमे अपनी तस्वीर मिलती है जिसे देखकर वह बहुत खुश होती है और दौड़ी दौड़ी अपने पति के पास जाती है और उस से कहती है; पत्नी:जानू मुझे माफ़ कर दो मैंने तुम्हे हमेशा गलत समझा और तुम पर शक किया पर उसके बावजूद तुम मुझे इतना प्यार करते हो! पत्नी की बात सुन कर पहले तो पति को कुछ समझ नहीं आता परन्तु फिर भी वह कोई सवाल जवाब नहीं करता! अगले दिन सुबह जब दोनों पति-पत्नी एक साथ नाश्ता कर रहे होते हैं तो पति अपनी पत्नी से पूछता है; पति: जानू एक बात बताओ कल शाम को तुम्हे क्या हो गया था, तुम बड़ा प्यार दिखा रही थी मुझ पर? पत्नी: दरअसल कल शाम को मैं तुम्हारे पर्स की तलाशी ले रही थी तो मुझे उसमे अपनी तस्वीर मिली जिसे देख कर मुझे एहसास हुआ की तुम मुझे कितना प्यार करते हो! पत्नी की बात सुन पति हंस कर जवाब देता है; पति: ओह, अरे जान वो तो मैंने तुम्हारी तस्वीर अपने बटुए में इस लिए रखी है ताकि मैं उसे मुसीबत के वक्त देख सकूँ! पत्नी: ऐसा क्यों? क्या तुम्हे मुसीबत में मेरी तस्वीर देख कर उस परेशानी से लड़ने की हिम्मत मिलती है! पति: नहीं, दरअसल बात यह है की जब भी मैं मुसीबत में होता हूँ तो तुम्हारी तस्वीर देख कर मुझे यह एहसास होता है की जब मैं तुम्हारे जैसी मुसीबत के साथ सारी ज़िन्दगी काट सकता हूँ तो यह मुसीबत किस खेत की मुली है! |