पतिदेव का मुरब्बा कैसे बनाएं: सामग्री: एक पति, कर्कश वाणी, व्यंगात्मक शब्द रचना, स्वाद के लिए धमकी की पत्तियां। बनाने की विधि: सुबह-सुबह पतिदेव के ऊपर ठण्डा पानी डालकर उन्हें जगाएं। जब पतिदेव अच्छी तरह धुल जाएँ तब उन्हें एक दम काली, ठण्डी, बिना शक्कर की बे-जायका चाय निगलने के लिए मजबूर करें साथ ही साथ पतिदेव को धीमे-धीमे कर्कश वचनों की आंच में पकने दें। जब वह थोड़े लाल-पीले होने लगें तो उन पर ससुराल की झूठी-सच्ची मनगढंत शब्दों की व्यंगात्मक संरचना का गरम मसाला डालिए। जब पतिदेव उबलने लगें तथा प्रेशर-कुकर की सीटी की तरह खड़खड़ाने लगें तो चुपचाप पलंग पर लेट कर सिसकियां भरने लगिए। अब पतिदेव को ठण्डा होने के लिए छोड़ दीजिए। आधे घंटे बाद जब दफ्तर जाने के लिए उन्हें देर होगी तो वह खुद ही मनाने चले आएंगे। लीजिए, तैयार हो गया पतिदेव का लजीज मुरब्बा। अब इन्हें या तो आप फरमाइशों की चपाती के साथ चखिए या फिर आश्वासनों के ब्रेड पर लगा कर खाइए! वैधानिक चेतावनी: यह व्यंजन दांपत्य जीवन के लिए हानिकारक है!!! |
1. शादी एक खुली जेल है, जिसके बंधन में आजीवन रहना होता है। 2. शादी एक ऐसी साझेदारी है, जिसमें पूँजी पति लगाता है और लाभ पत्नी को होता है। 3. शादी एक ऐसी कहानी है, जो झील के किनारे से शुरू होकर ज्वालामुखी के पहाड़ पर समाप्त होती है। 4. शादी एक ऐसी जोड़ी है, जिसमे प्रेम होता है, चूंकि प्रेम अंधा होता है, इसलिये यह अंधों की जोड़ी है। 5. शादी एक ऐसा आयोजन है, जिसे महिलाएं पुरूषों को लूटने के लिए आयोजित करती हैं। 6. शादी एक ऐसी किताब है, जिसका पहला भाग पद्य में तथा शेष गद्य में होते हैं। 7. शादी एक ऐसा मिलन है, जो अच्छे मित्रों की तरह रहने के इरादे से शुरू किया जाता है और दिन-ब-दिन ये इरादे बदलते जाते हैं। 8. शादी एक ऐसा प्रमाण है, जिसके बाद ही आदमी मानता है कि कुँवारे ही भले थे। 9. शादी जीवन का एक ऐसा मोड़ है, जिसमें लड़की की सब चिंतायें समाप्त हो जाती हैं और लड़के की शुरू हो जाती हैं। 10. शादी ही वह संस्कार है, जिसे करने के बाद आदमी को ज्ञान होता है कि नर्क पृथ्वी पर ही है। 11. शादी एक शब्द नहीं, एक वाक्य है। 12. शादी वो ज़ख्म है जिसमे चोट से पहले हल्दी लगायी जाती है। |
एक दिन दफ्तर से घर आते हुए पुरानी गर्ल फ्रेंड से भेट हो गयी, और जो बीवी से मिलने की जल्दी थी वह ज़रा से लेट हो गयी; जाते ही बीवी ने आँखे दिखाई -आदतानुसार हम पर चिल्लाई; तुम क्या समझते हो मुझे नहीं है किसी बात का इल्म; जरुर देख रहे होगे तुम सक्रेटरी के साथ कोई फिल्म; मैंने कहा - अरी पगली, घर आते हे ऐसे झिडकियां मत दिया कर; कभी तो छोड़ दे, मुझ बेचारे पर इस तरह शक मत किया कर; पत्नी फिर तेज होकर बोली - मुझे बेवकूफ बना रहे हो; 6 बजे दफ्तर बंद होता है और तुम 10 बजे आ रहे हो; मैंने कहा अब छोड़ यह धुन - मेरी बात ज़रा ध्यान से सुन; एक आदमी का एक हज़ार का नोट खो गया था; और वह उसे ढूंढने के जिद्द पर अड़ा था; पत्नी बोली, तो तुम उसकी मदद कर रहे थे; मैंने कहा , नहीं रे पगली मै ही तो उस पर खड़ा था; सुनते ही पत्नी हो गयी लोट-पोट; और बोली कहाँ है वह हज़ार का नोट; मैंने कहा बाकी तो खर्च हो गया यह लो सौ रुपये का नोट ; वह बोली क्या सब खा गए बाकी के 900 कहाँ गए; मैंने कहा : असल में जब उस नोट के ऊपर मै खडा था; तो एक लडकी की निगाह में उसी वक़्त मेरा पैर पडा था; कही वह कुछ बक ना दे इसलिए वह लडकी मनानी पडी; उसे उसी के पसंद के पिक्चर हाल में फिल्म दिखानी पडी; फिर उसे एक बढ़िया से रेस्टोरेन्ट में खाना खिलाना पड़ा; और फिर उसे अपनी बाइक से घर भी छोड़कर आना पड़ा; तब कहीं जाकर तुम्हारे लिए सौ रुपये बचा पाया हूँ; यूँ समझो जानू तुम्हारे लिए पानी पुरी का इंतजाम कर लाया हूँ; अब तो बीवी रजामंद थी - क्यूंकि पानी पुरी उसे बेहद पसंद थी; तुरंत मुस्कुराकर बोली : मै भी कितनी पागल हूँ इतनी देर से ऐसे ही बक बक किये जा रही थी; सच में आप मेरा कितना ख़याल रखते है और मै हूँ कि आप पर शक किये जा रही थी! सभी शादी शुदा लोगो को सप्रेम भेंट! |
सी. बी. आई ने तीन लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया उन्होंने उन्हें एक एक कर इंटरव्यू के लिए बुलाया! इंटरव्यू लेने वाले ने पहले आदमी से पूछा: क्या तुम अपनी पत्नी से प्यार करते हो? जी हाँ सर करता हूँ! क्या तुम अपने देश से प्यार करते हो? जी हाँ सर! तुम ज्यादा प्यार किससे करते हो अपने देश से या अपनी पत्नी से? अपने देश से सर! ठीक है, ये लो बंदूक अपनी पत्नी को अंदर बुलाओ दूसरे कमरे में ले जाकर उसे मार दो! वो आदमी अपनी पत्नी को लेकर अंदर गया, पांच मिनट तक सब कुछ शांत था फिर वह बाहर आया उसकी टाई खुली थी, और वो पसीने से भीगा था उसने बंदूक नीचे रखी और बाहर चला गया! दूसरा आदमी अंदर आया और बैठ गया, इंटरव्यू लेने वाले ने उससे भी वही प्रश्न पूछे? उसका भी वही जवाब था इंटरव्यू लेने वाले ने उसे बंदूक दी और कहा, कि अपनी पत्नी को मार दो! उस आदमी ने वो बंदूक वहीँ नीचे रख दी और कहा मैं ये नहीं कर सकता! तीसरा आदमी संता अंदर आया उससे भी वही पूछा,इंटरव्यू लेने वाले ने उसे बंदूक दी और कहा, कि अपनी पत्नी को मार दो! संता अपनी पत्नी को लेकर कमरे में गया धम, धम, धम, धम की लगातार चार पांच आवाजें हुई और फिर सब शांत हो गया संता बाहर आया उसकी टाई खुल गयी थी उसने बंदूक को टेबल पर रखा! इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा क्या हुआ? आप ने जो बंदूक मुझे दी थी उसमें खाली कारतूस थे और मैंने अपनी पत्नी को गला घोंटकर मार दिया! |