पत्नी: अगर मैं अचानक मर गई तो तुम क्या दूसरी शादी करोगे? पति: नो डार्लिंग, ऐसा तो मैं सोच भी नहीं सकता। पत्नी: क्यों, नहीं क्यों? अरे आपके अच्छे बुरे पलों को बांटने के लिए कोई तो साथी चाहिए। प्लीज शादी कर लेना डार्लिंग। पति: ओह माय शोना... मरने के बाद की भी मेरी इतनी फ़िक्र? पत्नी: तो वादा? आप दूसरी शादी कर लोगे ना? पति: ओके बाबा, लेकिन सिर्फ तुम्हारी खातिर करूँगा। पत्नी: तुम अपनी नई पत्नी को इस घर में रखोगे ना? पति: हाँ, लेकिन उसे तुम्हारा कमरा कभी इस्तेमाल नहीं करने दूंगा। पत्नी: उसे अपनी कार चलाने दोगे? पति: नो, नेवर... उस कार को तो तुम्हारी यादगार बना के रखूंगा। उसको दूसरी कार दिला दूंगा। पत्नी: और मेरे ज़ेवर? पति: वो उसे कैसे दे सकता हूँ। उनसे तुम्हारी यादें जुड़ीं होंगी। वो अपने लिए नई ज्वेलरी मांगेगी ना। पत्नी: वो मेरी चप्पलें पहनेगी तो? पति: नहीं उसका नंबर 7 है और तुम्हारा 9। कमरे में एक दम चुप्पी छा गई। पति: ओ नो। पति का अंतिम संस्कार कल दोपहर 3:00 बजे होगा। |
एक बार एक पति अपनी पत्नी के पास गया और बड़े ही प्यार से उसका हाथ अपने हाथों में थाम कर बोला; पति: जानू तुम मुझे कितना प्यार करती हो? पत्नी जो की पहले से ही किसी बात पर नाराज़ बैठी थी चिड़ते हुए बोली; पत्नी: बहुत सारा! पत्नी की बात सुन पति फिर बोला; पति: अच्छा तो जानू कुछ ऐसी बात कहो जो सुनने के बाद मेरे पाँव ज़मीन पर ना लगें! पत्नी: जा के पंखे से फांसी लगा लो! |
पति: डार्लिंग कल सुबह क्या तुम मेरे साथ योग क्लास में चलना चाहोगी? पत्नी: तुम कहना क्या चाहते हो, मैं क्या मोटी हो गयी हूँ? पति: अरे ऐसी बात नहीं है, नहीं जाना चाहती तो मत चलो। पत्नी: तुम्हारा मतलब मैं आलसी हूँ। पति: तुम ऐसे गुस्सा क्यों कर रही हो? पत्नी: अब तुम्हें लग रहा है कि मैं हमेशा झगड़ती रहती हूँ। पति: अरे मैंने ऐसा कब बोला? पत्नी: अच्छा, मतलब अब मैं झूठ बोल रही हूँ। पति: अच्छा बाबा, मैं भी नहीं जाता। पत्नी: अब समझी मैं, दरअसल तुम खुद मुझे ले जाना नहीं चाहते थे और अब बहाने बना रहे हो। तुम्हारा तो हमेशा से यही काम है। सारी गलती मेरी ही है। पत्नी बस लगातार पति को कोसती रही और पति बेचारा चुपचाप बैठा सारी रात यह सोचता रहा कि आखिर उसने ऐसा क्या पूछ लिया जो उसकी यह हालत कर दी गयी। |
एक बार एक आदमी की अपनी पत्नी से बहुत घमासान लड़ाई हो गयी तो वह गुस्से में घर छोड़ कर चला गया और जंगल में समाधि लगा कर बैठ गया। कईं महीनो की घोर तपस्या के बाद भगवान् उस पर प्रसन्न होकर उसके समक्ष प्रकट हुए और उससे बोले। भगवान्: आँखे खोलो वत्स। आवाज़ सुन कर उस आदमी ने आँखे खोली तो अपने सामने भगवान् को देख वह आदमी भगवान् से बोला, " हे प्रभु मेरे दुखों का निवारण करो।" भगवान्: बोलो वत्स तुम्हारी क्या इच्छा है। आदमी: प्रभु मैं अपनी पत्नी से बहुत परेशान हूँ और मैं चाहता हूँ या तो आप उसे गूंगा कर दो या मुझे फिर से कुंवारा बना दो। भगवान: वत्स मैंने तुम्हे मन्नत मांगने को बोला था जन्नत मांगने को नहीं। |