विवाहित Hindi Jokes

  • बेचारा पति!

    पत्नी ने शादी के कुछ दिन बाद जब रसोई घर में खाना बनाया तो अनुभव ना होने
    के कारण खाने में मिर्च ज्यादा डाल दी।

    पति बेचारा अज़ीब सा मुंह बनाकर खाने लगा तो पत्नी ने पूछा,
    "क्या हुआ, खाना अच्छा नहीं बना क्या?"

    पति: नहीं-नहीं खाना तो बहुत अच्छा बना है।

    पत्नी: तो फिर आपकी आँखों में आँसू क्यों आ रहे हैं?

    पति: अरे, यह तो ख़ुशी के आँसू हैं।

    पत्नी: फिर आपने खाना क्यों छोड़ दिया?

    पति: बस मैं मज़बूर हूँ। इतनी ख़ुशी मैं बर्दाशत नहीं कर पा रहा!
  • हाज़िर जवाब पति!

    रात भर पति पत्नी लड़ते लड़ते सो गये। दूसरे दिन सुबह हुई तो पति उठा और लेटी हुई पत्नी के लिए गरमा-गरम दूध लेकर हाजिर हुआ।

    पत्नी: तो इस तरह तुम रात की लड़ाई के लिए माफी माग रहे हो।

    पति: किसने कहा माफी मांग रहा हूं। आज नागपंचमी है, नागिन दूध पी ले।

    यह कहकर पति दफ्तर चला गया।

    शाम को पति ने घर पर फोन किया और पत्नी से पूछा,"शाम के खाने में क्या बनाया है?"

    पत्नी: आज जल्दी आ जाओ, जहर बनाया है।

    पति: दरअसल आज रात दफ्तर में देर हो जायेगी, ऐसा करो तुम खाकर सो जाओ।
  • 'शादी' कल आज और कल!

    अभी शादी का पहला ही साल था;

    ख़ुशी के मारे मेरा बुरा हाल था;

    खुशियां कुछ यूँ उमड़ रहीं थी;

    कि संभले नहीं संभल रहीं थी;

    सुबह-सुबह मैडम का चाय लेकर आना;

    थोडा शरमाते हुए हमें नींद से जगाना;

    वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिराना;

    मुस्कुराते हुए कहना कि,

    "डार्लिंग चाय तो पी लो, जल्दी से रेडी हो जाओ, आपको ऑफिस भी तो है जाना!"

    घरवाली भगवान का रूप लेकर आयी थी;

    दिल और दिमाग पर पूरी तरह छायी थी;

    सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था;

    एक पल भी दूर जीना दुष्वार होता था!

    5 साल बाद!

    सुबह-सुबह मैडम का चाय लेकर आना;

    टेबल पर रख कर ज़ोर से चिल्लाना;

    आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को स्कूल छोड़ते जाना;

    सुनो एक बार फिर आवाज़ आयी;

    क्या बात है अभी तक छोड़ी नहीं चारपाई;

    अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना;

    मुन्ना की टीचर को खुद ही संभाल लेना;

    ना जाने घरवाली कैसा रूप लेकर आयी थी;

    दिल और दिमाग पर काली घटा छायी थी;

    सांस भी लेते हैं तो उन्ही का ख्याल होता है;

    अब हर समय ज़हन में एक ही सवाल होता है;

    क्या कभी वो दिन लौट के आयेंगे;

    हम एक बार फिर कुंवारे हो जायेंगे!
  • पतिदेव का मुरब्बा!

    पतिदेव का मुरब्बा कैसे बनाएं:

    सामग्री:

    एक पति, कर्कश वाणी, व्यंगात्मक शब्द रचना, स्वाद के लिए धमकी की पत्तियां।

    बनाने की विधि:

    सुबह-सुबह पतिदेव के ऊपर ठण्डा पानी डालकर उन्हें जगाएं।

    जब पतिदेव अच्छी तरह धुल जाएँ तब उन्हें एक दम काली, ठण्डी, बिना शक्कर की बे-जायका चाय निगलने के लिए मजबूर करें साथ ही साथ पतिदेव को धीमे-धीमे कर्कश वचनों की आंच में पकने दें। जब वह थोड़े लाल-पीले होने लगें तो उन पर ससुराल की झूठी-सच्ची मनगढंत शब्दों की व्यंगात्मक संरचना का गरम मसाला डालिए। जब पतिदेव उबलने लगें तथा प्रेशर-कुकर की सीटी की तरह खड़खड़ाने लगें तो चुपचाप पलंग पर लेट कर सिसकियां भरने लगिए। अब पतिदेव को ठण्डा होने के लिए छोड़ दीजिए। आधे घंटे बाद जब दफ्तर जाने के लिए उन्हें देर होगी तो वह खुद ही मनाने चले आएंगे। लीजिए, तैयार हो गया पतिदेव का लजीज मुरब्बा।

    अब इन्हें या तो आप फरमाइशों की चपाती के साथ चखिए या फिर आश्वासनों के ब्रेड पर लगा कर खाइए!

    वैधानिक चेतावनी: यह व्यंजन दांपत्य जीवन के लिए हानिकारक है!!!