समानताएं: 1. घड़ी चौबीस घंटे टिक-टिक करती रहती है, और पत्नी चौबीस घंटे किट-किट करती रहती है। 2. घड़ी की सूइयाँ घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं। उसी प्रकार पत्नी को आप कितना भी समझा लो, वो घूम- फिर कर वहीं आ जायेगी और अपनी ही बात मनवायेगी। 3. घड़ी बिगड़ जाये तो मैकेनिक के यहाँ जाती है। पत्नी बिगड़ जाये तो मायके जाती है। 4. घड़ी को चार्ज करने के लिये सेल (बैटरी) का प्रयोग होता है, और पत्नी को चार्ज करने के लिये सैलेरी का प्रयोग होता है। विषमतायें: 1. घड़ी में जब 12 बजते हैं तो तीनों सूइयाँ एक दिखाई देती हैं, लेकिन पत्नी के जब 12 बजते हैं तो एक पत्नी भी 3-3 दिखाई देती है। 2. घड़ी के अलार्म बजने का फिक्स टाइम है, लेकिन पत्नी के अलार्म बजने का कोई फिक्स टाइम नहीं है। 3.घड़ी बिगड़ जाये तो रूक जाती है, लेकिन जब पत्नी बिगड़ जाये तो शुरू हो जाती है। 4. सबसे बड़ा अंतर ये कि घड़ी को जब आपका दिल चाहे बदल सकते हैं, मगर पत्नी को चाह कर भी बदल नहीं सकते, उल्टा पत्नी के हिसाब से आपको खुद को बदलना पड़ता है। |
पत्नी : इतने लेट कैसे हो गए, क्या अपनी ऑफिस वाली के साथ पिक्चर देखने गए थे? पति: कभी तो शक मत किया कर, शादी की पहली रात से ही शकीली निगाहों से देखती है। पत्नी: तो फिर 7 बजे घर आने का टाइम होने के बाद भी रात 10 बजे आ रहे हो। पति: वो क्या हो गया ना की एक आदमी का 1000 रुपये का नोट गुम हो गया था। पत्नी: अच्छा तो तुम क्या उसे ढूंढने में मदद कर रहे थे ? पति: नहीं, मै उस नोट पर खड़ा था। पत्नी: लाओ जल्दी कहां है वो नोट। पति: ये लो 100 रुपए। पत्नी: बाकी के 900 रुपए कहां गए। पति: वो क्या है कि जिस लड़की ने मुझे नोट उठाते हुए देख लिया था उसे फिल्म दिखानी पड़ी और फिर सस्ते होटल में खाना खिलाया और अपने स्कूटर से घर छोड़कर आया तब जाकर ये 100 रुपए तुम्हारे लिए बचाए ताकि तुम्हारी पानी पूरी का इंतेजाम हो सके, तुम्हे बहुत पसन्द है ना। पत्नी: आप मेरा कितना ख्याल रखते हैं और मैं आप पर बेवजह शक कर रही थी। |
पत्नी जब मायके जाती है और फिर जब पति कि याद आती है तो कैसे रोमांटिक sms भेजती है देखिये। "मेरी मोहब्ब्त को अपने दिल में ढूंढ लेना; और हाँ, आंटे को अच्छी तरह गूँथ लेना! मिल जाए अगर प्यार तो खोना नहीं; प्याज़ काटते वक्त बिलकुल रोना नहीं! मुझसे रूठ जाने का बहाना अच्छा है; थोड़ी देर और पकाओ आलू अभी कच्चा है! मिलकर फिर खुशियों को बाँटना है; टमाटर जरा बारीक़ ही काटना है! लोग हमारी मोहब्ब्त से जल न जाएं; चावल टाइम पे देख लेना कहीं गल न जाएं! कैसी लगी हमारी ग़जल बता देना; नमक कम लगे तो और मिला लेना! |
महिला: डॉक्टर साहब आप दवा की शीशियों पर पर्ची चिपका दें। डॉक्टर: अरे इसकी क्या जरुरत है? महिला: नहीं डॉक्टर साहब, आप बस पर्चियां चिपका दीजिये। डॉक्टर: ठीक है परन्तु क्यों? महिला: दरअसल, इससे मुझे पता रहेगा कि कौनसी गोली मेरे पति के लिए है और कौन सी कुत्ते के लिए है। क्योंकि मैं नहीं चाहती कि शीशी बदल जाए और मेरे कुत्ते को कुछ हो जाए। |