एक लोहार काफी बूढ़ा हो गया था उसने सोचा कि उसे अपने साथ किसी आदमी को काम पर रख लेना चाहिए! तब उसने संता को बुलाया और अपने साथ काम पर रख लिया संता उससे हर काम से पहले उसके बारे में पूछ लेता! बूढ़ा काफी चिढ़चिढ़ा और सख्त स्वभाव का था उसने संता को कहा कि वह ज्यादा सवाल मत पूछा करे जो उसे कहा जाये उसे चुपचाप किया करे! एक दिन लोहार ने जलती हुई भट्टी से लोहा निकाला और और सन्दान पर रख दिया उसने हथौड़ा उठाया और संता को पकड़ाया और कहा जब मैं अपना सिर हिलाऊँ तो इसे पूरे जोर से मार देना... . . . . . तब से शहर के लोग किसी नए लोहार की तलाश में है! |
एक बार एक किसान अपनी भूमि बेचने कि तैयारी कर रहा होता है, परन्तु उससे पहले उसे अपनी ज़मीन पर रहने वाले पशुओं को बहार निकालने कि ज़रूरत पड़ती है, जिसके लिए वह गाँव के हर एक घर में जाता है, और जिन घरों में आदमी का मालिक है, वह वहां एक घोड़ा दे देता है, और जिन घरों में महिलाएं मालिक हैं वहां पर मुर्गी दे देता है! जब वह सड़क के अंत में पहुँचता है तो देखता है कि एक घर के बहार एक दम्पति बागवानी कर रहे होता हैं! यह देख वह उनसे पूछता है कि, "आप दोनों में से घर का मालिक कौन है!" यह सुनते ही आदमी जवाब देता है, " मैं हूँ!" जवाब पाकर किसान कहता है, " मेरे पास दो घोड़े हैं एक काले रंग का और एक भूरे रंग का आप कौनसा घोडा लेना पसंद करेंगे!" आदमी थोड़ी देर सोचता है और जवाब देता है, " काले रंग वाला!" तभी उस आदमी कि पत्नी बोलती है, "नहीं नहीं भूरे रंग का घोडा लो!" यह सुन वह किसान उस जोड़े से कहता है, " यह लीजिये आपकी मुर्गी!" |
रात के समय एक डॉक्टर अपने घर पर आराम कर रहा होता है, कि तभी अचानक फोन की घंटी बजती है जैसे ही डॉक्टर फोन उठता है दूसरी ओर से एक औरत की आवाज आती है, "डॉक्टर साहब जल्दी आ जाइए मेरे बेटे ने ब्लेड खा लिया है।"
यह सुन डॉक्टर कहता है, "आप घबराइए नहीं में बस 10 मिनट में वहां पहुंच रहा हूं।" फोन रख डॉक्टर जल्दी से तैयार होने लगता है, कि तभी अचानक फोन की घंटी फिर से बजती है, और डॉक्टर जैसे ही फोन उठता है दूसरी ओर से आवाज आती है। "डॉक्टर साहब अब आप आना रहने दीजिये, मेरे पति को दाढ़ी बनाने के लिए दूसरा ब्लेड मिल गया है।" |
एक बार राजा कृष्ण देव राय ने तेनाली राम को एक बकरा देते हुए कहा कि इस बकरे को एक महीना अपने पास रखो। पर शर्त यह है कि इसका वजन न कम होना चाहिए न बढना चाहिए।
तेनाली राम ने बकरे के खाने के लिए पत्ते, भरपूर घास व चारे का इंतज़ाम कर दिया। परन्तु उस बकरे को एक बाघिन के पिंजरे के सामने बांध दिया। फिर एक महीने के बाद देखा गया कि बकरे का वजन एक ही है न घटा और न बढ़ा। मैं कोई कहानी नहीं कहने के लिए नहीं बैठा हूँ! सिर्फ जो विवाहित पुरुष यह सोच रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण उनका वजन बढ़ जाएगा उनकों ज़रा आश्वस्त कर रहा हूँ। धन्यवाद! |