आज तो कमाल ही हो गयी। सुबह-सुबह श्रीमती जी नाश्ता बना रही थी, इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। श्रीमती जी ने दरवाज़ा खोला तो एक सेल्समैन दनदना के अंदर पहुँचा और पूरे कालीन पर गोबर गिरा दिया। श्रीमती जी गुस्से में चिल्लाते हुए, "अरे, यह क्या कर दिया। अभी तो सफाई की है और आप हो कौन?" सेल्समैन: मैडम मैं एक सेल्समैन हूँ, आपको यह वैक्यूम क्लीनर का कमाल दिखाने आया हूँ। श्रीमती जी: वैक्यूम क्लीनर का कमाल दिखाना है तो यह सारी गंदगी क्यों फैला दी? सेल्समैन: मैडम तभी तो इसका कमाल दिखेगा। सेल्समैन: क्योंकि अभी 2 मिनट में देखना यह सारी गंदगी साफ़ हो जाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं खुद अपनी जीभ से चाट कर इसे साफ़ करूँगा। श्रीमती जी ने सेल्समैन की तरफ घूर कर देखा और बोली, "जीभ से मत चाटना ऐसे ही हाथ से उठा कर खाना शुरू कर दो।" सेल्समैन: आप ऐसा क्यों बोल रही हैं मैडम। श्रीमती जी: क्योंकि घर में बिजली नहीं है। अब हो जाओ शुरू। शिक्षा: कुछ भी करने से पहले पूरी जानकारी इकठी कर ले ताकि बाद में पछताना ना पड़े। |
एक बार एक कारखाने के मालिक की मशीन ने काम करना बंद कर दिया. कई दिनों की मेहनत के बाद भी मशीन ठीक नहीं हो पायी. मालिक को रोज लाखों का नुकसान हो रहा था।
तभी वहाँ एक कारीगर पहुँचा और उसने दावा किया की वो मशीन को ठीक कर सकता है। मालिक फौरन ही उसे कार्यशाला में ले गया। मशीन ठीक करने से पहले कारीगर ने मालिक से कहा कि वो मशीन तो ठीक कर देगा लेकिन मेहनताना अपनी मर्जी से तय करेगा। मालिक का तो रोज लाखों का नुकसान रोज हो रहा था इसलिये वो मान गया। कारीगर ने पूरी मशीन का मुआयाना किया और एक पेच को कस दिया। मशीन को चालू किया गया. मशीन ने कार्य करना शुरू कर दिया था। मालिक बहुत खुश हु़आ। कारीगर ने दस हजार रूपया मेहनताना मांगा। मालिक को बहुत आश्चर्य हुआ। केवल एक पेच कसने के दस हजार रूपय! लेकिन उसने अपना वादा निभाया और दस हजार रूपए कारीगर को देते हुये पूछा कि एक पेच कसने के दस हजार रूपय कुछ ज्यादा नहीं हैं? कारीगर ने तुरंत जवाब दिया, "साहब पेच कसने का तो केवल मैंने एक रूपया लिया है, बाकि 9999 रूपय तो कौन सा पेच कसना है यह पता करने के लिये हैं।" |
एक बीमा कंपनी के तीन सेल्समैन अपनी अपनी कंपनी की तेज सेवा के विषय में बातें कर रहे थे।
पहला कहने लगा,"यार हमारी कंपनी की सर्विस इतनी तेज है कि जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति की सोमवार को अचानक मृत्यु हो गयी, हमें इस बात का पता उसी शाम को चला और हमारी कंपनी ने बुधवार को ही मुआवजे की सारी रकम उनके घर पहुंचा दी।" दूसरा आदमी बोला,"अरे यार, जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति मरा था तो, जैसे ही हमारी कंपनी को पता चला तो हमारी कंपनी ने उसी शाम को उनके घर जाकर मुआवजे की सारी रकम दे दी।" आखिरी सेल्समैन ने कहा,"अरे ये तो कुछ भी नही हमारा ऑफिस एक बिल्डिंग के 20वें माले पर है और उस बिल्डिंग में लगभग 70 मंजिलें है हमारी कंपनी का बीमाकृत व्यक्ति 70 वें माले पर खिड़की साफ़ कर रहा था उसका पैर फिसला और वह नीचे गिर गया। जब वह हमारे ऑफिस तक पहुंचा तो हमने उसके मुआवजे वाला चैक उसके हाथ में ही पकड़ा दिया।" |
एक आदमी और एक औरत दोनों की कारों का आपस में ज़बरदस्त एक्सीडेंट हो जाता है। किस्मत से दोनों अपनी कारों से सही सलामत बाहर निकलते हैं।
महिला कारों की तरफ हैरत से देखकर आदमी से बोलती है, "देखो हमारी कारों की क्या हालत हो गई है और हम दोनों को कुछ नहीं हुआ। लगता है ऊपर वाला हमें संकेत दे रहा है कि हम दोनों को दोस्त बन जाना चाहिए और एक दूसरे को दोष देने में नहीं उलझना चाहिए।" आदमी कहता है, "हाँ मैं बिलकुल सहमत हूँ।" महिला अपनी कार से सड़क पर लुढक कर आई एक बोतल की तरफ इशारा करके बोली, "देखो ये मेरी स्कॉच की बोतल भी टूटने से बच गई। ये भी उपरवाले का ही संकेत हो सकता है कि हमें इसे खोलकर इसी वक्त सेलिब्रेट करना चाहिए।" यह कहकर उसने अपनी गाड़ी की पिछली सीट से गिलास निकालकर उस आदमी को थमा दिया जो रज़ामंदी में मुंडी हिलाता हुआ अपने आप को आराम देने के लिए झटपट दोनों बोतल खाली कर गया। उसकी दूसरी बोतल खाली हुई ही थी कि महिला ने एक और बोतल खोल कर झट से उसके हाथ में रख दी। आदमी ने पूछा, "क्या हुआ तुमने तो एक घूँट भी नहीं लिया। किसका इंतज़ार कर रही हो?" महिला ने जवाब दिया, "नहीं, मैं बस पुलिस का इंतज़ार कर रही हूँ।" |