एक बार कक्षा छठी में चार बालकों को परीक्षा मे समान अंक मिले, अब प्रश्न खडा हुआ कि किसे प्रथम रैंक दिया जाये। स्कूल प्रबन्धन ने तय किया कि प्राचार्य चारों से एक सवाल पूछेंगे, जो बच्चा उसका सबसे सटीक जवाब देगा उसे प्रथम घोषित किया जायेगा।
चारों बच्चे हाजिर हुए, प्राचार्य ने सवाल पूछा, "दुनिया में सबसे तेज क्या होता है?" पहले बच्चे ने कहा, "मुझे लगता है 'विचार' सबसे तेज होता है, क्योंकि दिमाग में कोई भी विचार तेजी से आता है, इससे तेज कोई नहीं।" प्राचार्य ने कहा, "ठीक है, बिलकुल सही जवाब है।" दूसरे बच्चे ने कहा, "मुझे लगता है 'पलक झपकना' सबसे तेज होता है, हमें पता भी नहीं चलता और पलकें झपक जाती हैं और अक्सर कहा जाता है, 'पलक झपकते' कार्य हो गया। प्राचार्य बोले, "बहुत खूब, बच्चे दिमाग लगा रहे हैं।" तीसरे बच्चे ने कहा, "मैं समझता हूँ 'बिजली', क्योंकि मेरे यहाँ गैरेज, जो कि सौ फ़ुट दूर है, में जब बत्ती जलानी होती है, हम घर में एक बटन दबाते हैं, और तत्काल वहाँ रोशनी हो जाती है,तो मुझे लगता है 'बिजली' सबसे तेज होती है।" अब बारी आई चौथे बच्चे की। सभी लोग ध्यान से सुन रहे थे, क्योंकि लगभग सभी तेज बातों का उल्लेख तीनो बच्चे पहले ही कर चुके थे। चौथे बच्चे ने कहा, "सबसे तेज होते हैं 'दस्त'। सभी चौंके, प्राचार्य ने कहा, "साबित करो कैसे?" बच्चा बोला, "कल मुझे दस्त हो गए थे, रात के दो बजे की बात है, जब तक कि मैं कुछ 'विचार' कर पाता, या 'पलक झपकाता' या 'बिजली' का स्विच दबाता, दस्त अपना 'काम' कर चुका था। कहने की जरूरत नहीं कि इस असाधारण सोच वाले बालक को ही प्रथम घोषित किया गया। |
मैं औऱ मेरी तनहाई, अक्सर ये बाते करते हैं; ज्यादा पीऊं या कम, व्हिस्की पीऊं या रम; या फिर तौबा कर लूं, कुछ तो अच्छा कर लूं; हर सुबह तौबा हो जाती है, शाम होते होते फिर याद आती है; क्या रखा है जीने में, असल मजा है पीने में; फिर ढक्कन खुल जाता है, फिर नामुराद जिंदगी का मजा आता है; रात गहराती है, मस्ती आती है; कुछ पीता हूं, कुछ छलकाता हूं; कई बार पीते पीते, लुढ़क जाता हूं; फिर वही सुबह, फिर वही सोच; क्या रखा है पीने में, ये जीना भी है कोई जीने में; सुबह कुछ औऱ, शाम को कुछ औऱ; मैं औऱ मेरी तनहाई, अक्सर ये बाते करते हैं। |
नदी में डूबते हुए आदमी ने पुल पर चलते हुए आदमी को आवाज़ लगायी, "बचाओ-बचाओ"।
पुल पर चलते आदमी ने नीचे देखा और उस आदमी को बचाने के लिए पुल से नीचे रस्सी फैंकी और कहा, "रस्सी को पकड़ के ऊपर आ जाओ।" परन्तु नदी में डूबता हुआ आदमी रस्सी नहीं पकड़ पा रहा था तो वह डर के मारे चिल्ला कर बोला, "मैं मरना नहीं चाहता, ज़िन्दगी बड़ी कीमती है। कल ही तो मेरी टार्जन कंपनी में बड़ी अच्छी नौकरी लगी है।" इतना सुनते ही पुल पर चलते आदमी ने अपनी रस्सी खींच ली और भागते-भागते टार्जन कंपनी के दफ्तर में गया और वहां के मैनेजर से बोला, "जिस आदमी को आपने कल नौकरी दी थी वो अभी-अभी डूबकर मर गया है, और इस तरह आपकी कंपनी में एक जगह खाली हो गयी है, मैं बेरोजगार हूँ इसीलिए मुझे रख लीजिये।" मैनेजर: दोस्त, तुमने देर कर दी, अब से कुछ देर पहले हमने उस आदमी को रखा है, जो उसे धक्का दे कर तुमसे पहले यहाँ आया है। |
जूठे बरतनों के ढेर से घबराकर महिला बोली, "हे ईश्वर! यह अलादीन का जादुई चिराग पुरुषों को मिलता है, किसी महिला को क्यों नहीं मिलता? कोई जिन्न होता जो हमारा भी हाथ बंटा दिया करता।" महिला की यह पुकार सुन ईश्वर स्वयं प्रकट हुए और बोले, "नियम के अनुसार एक महिला को एक बार में एक ही जिन्न मिल सकता है और हमारा रिकॉर्ड कहता है तुम्हारी शादी हो गयी है। तुम्हें तुम्हारा जिन्न मिल चुका है। उसे अभी-अभी तुमने सब्जी मंडी भेजा है, रास्ते में टेलर से तुम्हारी साडी लेते हुए, मकान मालिक को किराया देते हुए, तुम्हारे लिये झंडु बाम लायेगा, फिर काम पर जायेगा। वो मिनी जिन्न अर्थात पति थोड़ा टाइम खाऊ है, मगर चिराग वाले जिन्न से ज्यादा उपयोगी और टिकाऊ है।" |