2G, 3g, CWG, सब कुछ चट कर जाऊं, एक चुनाव मुझे जीता दे बस संसद में चढ़ जाऊं, देश का सारा रूपया-पैसा लूट कर घर ले आऊं, गांधी का फ़ोटो लटका कर दफ्तर बड़ा बनाऊं, काले धन से फिर चंदन की माला उस पर चढ़ाऊँ, मोबाइल की घण्टी में फिर देश भक्ति गीत सुनाऊं, रिश्वत की बहती गंगा में डुबकी रोज़ लगाऊं, गाड़ी बड़ी सी ले आऊं, सैर विदेश की कर आऊं, बस एक मुझे तू मौका दे दे, पीढ़ी तक तर जाऊं, माँ एक खादी की चादर दे दे, मैं भी नेता बन जाऊं! |
नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।" नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं। चलो सबसे पहले मैं तुम्हें पहला और सबसे अहम नियम समझाता हूँ। यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़ा हो गया। नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ। बेटा: पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे। नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा। लड़के ने हिम्मत की और कूद गया, पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धड़ाम से औंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला, "आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?" नेता जी: ये है पहला सबक, "राजनीति में अपने बाप का भी भरोसा मत करो।" |
एक नेताजी की दोस्ती एक फिल्म अभिनेत्री से हो गई। कुछ महीनों के बाद नेताजी को लगने लगा कि उन्हें अभिनेत्री से प्यार हो गया है। उन्होंने मन ही मन तय किया कि वे उससे शादी करेंगे। पर चूंकि लड़की फिल्मों में काम करती थी और उसका मिलना-जुलना काफी लोगों से था, अतः नेताजी ने सोचा कि शादी का प्रस्ताव रखने के पहले उसके चरित्र, परिवार आदि के बारे में जानकारी ले लेना बेहतर होगा। उन्होंने अपने सेक्रेटरी से लड़की के पीछे एक प्राइवेट जासूस लगाने को कहा, साथ ही हिदायत दी कि जासूस को यह पता नहीं चलना चाहिए कि वह यह काम मेरे लिए कर रहा है। लगभग दो महीनों की छानबीन के बाद जासूस की रिपोर्ट सेक्रेटरी के माध्यम से नेताजी को मिली, जो कुछ इस तरह से थी: लड़की का चरित्र एकदम बेदाग़ है। आजतक उसका किसी के साथ कोई अफेयर नहीं रहा है। लड़की का परिवार, उसके रिश्तेदार और दोस्त सभी बड़े ही भले एवं संभ्रात लोग हैं, परन्तु हाँ ऐसी जानकारी मिली है कि पिछले कुछ महीनों से यह लड़की अक्सर एक निहायत ही चरित्रहीन एवं घटिया किस्म के नेता के साथ देखी जा रही है। |
नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।" नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं। "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए। नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ। बेटा" पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे। नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा। लड़के ने हिम्मत की और कूद गया, पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धड़ाम से ओंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला, "आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?" नेता जी: ये हैं पहला सबक "राजनीति में अपने बाप का भी भरोसा मत करो।" |