एक बार संता गाड़ी में अपने दोस्त बंता के साथ पिकनिक पर जा रहा था। गाड़ी के सामने के काँच से बंता को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन संता सड़क के तमाम गड्ढे बचाता हुआ बड़ी सफाई से गाडी चला रहा था। बंता ने हैरान होकर पूछा, "संता, सामने काँच से कुछ भी साफ़ नजर नहीं आ रहा। फिर भी गाड़ी इतनी परफेक्ट कैसे चला रहे हो?" संता: क्या बताऊँ यार? अपनी भूलने की आदत के कारण अब तक मेरे 180 चश्मे गुम चुके हैं। बंता: अरे संता मैं ड्राइविंग के बारे में पूछ रहा हूँ। संता: वही तो बता रहा हूँ कि चश्मे बनवा बनवा कर मैं परेशान हो गया तब मैंने गाड़ी का काँच ही चश्मे के नंबर वाला बनवाकर गाड़ी में लगवा लिया। |
एक दिन संता और बंता दोनों टैक्सी स्टैंड पर बैठे बातें कर रहे थे कि तभी एक विदेशी उनके पास पहुँचा और उनसे अंग्रेजी भाषा में कुछ पूछा। संता - बंता दोनों बेवकूफों की तरह उस विदेशी के चेहरे को देखते रहे। विदेशी समझ गया कि दोनों को अंग्रेजी नहीं आती। अब उसने वही प्रश्न उनसे स्पेन की भाषा स्पेनिश में पूछा। दोनों फिर बेवकूफों की तरह विदेशी का चेहरा देखते रहे। तीसरी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे रूस की भाषा रशियन में पूछा। दोनों का वही हाल रहा। चौथी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे जर्मनी की भाषा जर्मन में पूछा। दोनों फिर वैसे ही उसका चेहरा ताकते रहे। आखिर तंग आकर विदेशी चला गया। उसके जाने के बाद बंता, संता से बोला, "यार संता, हम लोगों को भी अपनी भाषा के अलावा कोई दूसरी भाषा सीखनी चाहिए। हमारे काम आएगी।" संता ने एक जोर का झापड़ बंता को लगाया और बोला, "साले, उसको चार चार आती थी, उसके कोई काम आई?" |
एक आदमी की बहन मरी और फ़िर भाई मरा लेकिन वो बिलकुल भी नहीं रोया। जब उसकी बीवी मरी तो वो फ़ूट-फ़ूट कर रोने लगा। लोगों को इस बात से बङी हैरत हुई। अजीब आदमी है, माँ, बाप, भाई, बहन किसी के मरने पर एक आँसू तक नहीं निकला। अब जब बीवी मरी है तो कैसे बिलख-बिलख कर रो रहा है। तब उस आदमी ने कहा, "मुझे गलत मत समझो भाईयो, जब बाप मरा तो बाप की उम्र वाले लोगों ने मुझे यह कहा कि चिंता न करो, हम तुम्हारे बाप के समान हैं। माँ के मरने पर भी उस उम्र की औरतों ने ऐसा ही कहा। भाई के मरने पर और बहन के मरने पर भी ऐसा ही सबने बोला पर अब बीवी के मरने पर किसी एक भी औरत ने यह नहीं कहा 'चिंता न करो, मैं तुम्हारी बीवी के समान हूँ'। |
एक बार संता और बंता, किसी बियर बार में बियर पीने गये। जब वह पीने लगे तो बंता बोला, "लगता है बाहर बारिश हो रही है। तुम ऐसा करो घर जाकर जल्दी से छतरी ले आओ।" संता गुर्राया: मुझे पता है मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बियर पी जाओगे। बंता ने उसे यकीन दिलाया कि वो उसकी बियर नहीं पियेगा। उसके हिस्से की बियर ज्यों की त्यों रखी रहेगी। संता यह सुनकर मान गया और छतरी लेने चला गया। जब रात गहराने लगी पर संता छतरी लेकर नहीं लौटा तो बंता ने सोचा शायद संता घर पर ही रुक गया है और अब नहीं आएगा। यही सोच कर उसने संता का बियर वाला गिलास उठाया ही था कि बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई, "अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा।" |