एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।" जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई। चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।" जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी। थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।" जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।" संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।" |
संता ने बंता से पूछा, "तुम खाली पेट होने पर कितने केले खा सकते हो?" बंता ने कुछ पल सोचकर कहा, "मैं 6 केले खा सकता हूँ।" संता ने हँसते हुए जवाब दिया, "गलत जवाब दोस्त, पहला केला खा लेने के बाद तुम्हारा पेट खाली कहां रहेगा, इसलिए खाली पेट होने पर तुम केवल एक ही केला खा सकते हो।" बंता झेंपते हुए घर पहुंचा और जाते ही प्रीतो से सवाल किया, "तुम खाली पेट होने पर कितने केले खा सकती हो?" प्रीतो ने भी कुछ पल सोचकर कहा, "मैं 4 केले खा सकती हूँ।" बंता ने निराश स्वर में कहा, "अगर 6 कहती तो एक मस्त चुटकुला सुनाता तुझे।" |
एक दिन संता ऑफिस जाने के लिए जब बस में चढ़ा तो कंडक्टर ने हँसते हुए पूछा, "कल रात आप ठीक-ठाक घर पहुँच गए थे? कहीं गिरे तो नहीं या रास्ता तो नहीं भूले थे घर का?" संता (गुस्से से): क्यों, कल रात को मुझे क्या हुआ था? कंडक्टर: कल रात आप नशे में टुन्न थे। संता: तुम कैसे कह सकते हो कि कल रात मैं नशे में था। हमने तो आपस में कोई बात भी नहीं की थी। कंडक्टर: जी, वो ऐसा है कि कल रात जब आप बस में बैठे हुए थे तब एक मैडम बस में चढ़ी थी और आपने उन्हें उठकर अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा था। संता (हैरानी से): तो क्या किसी महिला को सीट देना कोई गुनाह है? कंडक्टर (हँसते हुए): गुनाह तो नहीं है पर जब आप ने उनको सीट के लिए पूछा उस समय बस तो पहले से ही खाली थी। |
एक दिन संता और बंता घर के बाहर पार्क में बैठे थे कि इतने में वहाँ पर एक कार आकर रुकी जिसमे से एक आदमी उतरा है और अपने साथ बैठी हुई अपनी पत्नी के लिए दरवाज़ा खोला, उस आदमी को ऐसा करते देख बंता, संता से बोला, "यार लगता है यह आदमी अपनी बीवी से बेहद प्यार करता है?" संता: अरे यार ऐसा कुछ नहीं है। संता का जवाब सुन बंता ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और बोला, "यार अगर ऐसा कुछ नहीं है तो उसने अपनी बीवी के लिए इतनी इज्ज़त से कार का दरवाज़ा क्यों खोला?" संता: यार देख यदि आदमी अपनी बीवी के लिए खुद कार का दरवाजा खोले तो उससे दो बातें साफ हो जाती हैं। बंता: कौन सी दो बातें? संता: यही कि या तो उसकी कार नई है या फिर बीवी। |