बंता: मेरे वैवाहिक जीवन से सारा रोमांच चला गया है। संता: तुम घर से बाहर कोई नया अफेयर क्यों नहीं चला लेते? बंता: पर अगर मेरी बीवी को पता चल गया? संता: अरे हम नए ज़माने में रहे हैं जाओ और उसे सब कुछ साफ़ साफ़ बता दो। बंता: अपने घर गया और बीवी से कहने लगा प्रीतो, मुझे लगता है के एक अफेयर हमें पास लाने में मदद करेगा। प्रीतो: भूल जाओ इस बात को, मैंने पहले ही ये कोशिश कर ली है, पर कोई फर्क नहीं पड़ा। |
तीन अपराधी जेल से भाग गए एक मद्रासी एक गुजराती और संता। जेल से भागने के बाद वे काफी दूर निकल आये थे जब उन्हें लगा कि काफी दूर आ गए है तो तीनों एक जगह आराम करने लगे तभी उन्हें दूर कुछ लोग आते हुए नजर आये उन्होंने आपस में कहा, "हो नो हो ये पुलिस वाले है जो हमारा पीछा कर रहे है।" वे तीनों अफरातफरी में ऊपर पहाड़ी की तरफ चढ़ने लगे अभी थोड़ा दूर ही गए थे कि उन्हें वहां एक झोपड़ा नजर आया और वे तीनों उस में घुस गए। पुलिस उनका पीछा करते करते वहां भी पहुँच गयी तो तीनों ने अपने आप को बड़ी बड़ी बोरियों छुपा लिया, पुलिस वाले ने सिपाई से कहा देखो तो जरा इन बोरियों में क्या है? सिपाई ने पहली बोरी को टटोला और एक जोर की लात मार दी, उस बोरी में मद्रासी था उसने ... बाऊं.....बाऊं की आवाज की। सिपाई ने कहा, "साहब इसमें कुत्ता है।" दूसरी बोरी पर भी लात मारी तो उसमें गुजराती था, उसने मिं...आऊं मिं...आऊं की आवाज की। सिपाई ने कहा,"इसमें तो बिल्ली है साहब।" फिर उसने तीसरी बोरी पर लात मारी जिसमें संता था उसने एक.. दो..तीन..चार लातें मारी पर उसमें से कोई आवाज नहीं आयी उसने फिर उस पर लातें मारनी शुरू कर दी और अंत में जब लातें सहन नहीं हुई तो बोरी के अन्दर से संता ने कहा, "आलू हूँ कम्बखत आलू।" |
एक बार बंता अपने दोस्त संता से मिलने उसके घर गया, वह दरवाजे से जैसे ही अन्दर घुसा वह यह देखकर हैरान हो गया कि संता अपने कुत्ते के साथ शतरंज खेल रहा है। बंता उन दोनों को बड़ी हैरानी के साथ एकटक देखता रहा। फिर बंता यह कहता हुआ आगे बड़ा कि,"मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा है कि तुम्हारा कुत्ता इतना होशियार है कि यह शतरंज भी खेलता है, मैंने आज तक किसी कुत्ते को शतरंज खेलते हुए नही देखा।" संता: होशियार? क्या ख़ाक होशियार है ये, अब तक मैंने इसे पांच में से तीन गेम्स में हरा दिया है। |
एक बार संता एक तालाब के किनारे सैर कर रहा था तो उसने देखा कि बंता ने एक डूबते आदमी को तालाब में से निकाला और फिर धक्का मार कर तालाब में फेंक दिया। संता: क्यों यार, पहले तो तुमने तालाब में डूबते हुए आदमी को बचाया, फिर तुमने ही उसे तालाब में फेंक क्यों दिया? बंता: अरे यार, क्या तुम भी, तुमने क्या वह कहावत नहीं सुनी कि नेकी कर और दरिया में डाल। |