Adult and Non Veg Hindi Jokes

  • गारंटी घुस गयी गांड में!

    एक बार जंगल में एक गधे का सेक्स करने बड़ा का मन करता है तो वो गधी के पास जाता है। गधी उसे यह कह कर मना कर देती है कि तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है और बहुत दर्द होती है। गधा उसे बहुत मनाने की कोशिश करता है, आखिरकार गधी मान जाती है पर कहती है कि जा कर कोई गारंटी ले कर आओ कि तुम अपना पूरा लंड अंदर नहीं डालोगे।

    गधा गारंटी के लिए जंगल में दूसरे जानवरों के पास जाता है लेकिन कोई भी जानवर उसकी गारंटी देने को तैयार नहीं होता। आखिर में एक मेंढक को रहम आ जाता है वो गारंटी के लिए तैयार हो जाता है। मेंढक गधे से कहता है, "मैं तेरे लंड पे एक निशान लगा दूंगा तुम उससे आगे नहीं जाना। जब भी निशान से आगे जाओगे तो मैं सीटी बजा दूंगा तो तुम लंड को बाहर निकाल लेना।

    गधा तैयार हो जाता है। दोनों गधी के पास जाते हैं।

    गधा सैक़स करना शुरू करता है। जब भी गधे का लंड निशान से जयादा अंदर जाता मेंढक सीटी बजा देता और गधा वापस लंड बाहर निकाल लेता। जैसे-जैसे समय बीतता गया, गधे का बार-बार निशान से अंदर को जाने लगता है तो मेंढक सीटी बजाने लगता। जब गधा पूरे जोश में आ गया तो उसे मेंढक की सीटी भी नहीं सुनी तो मेंढक छलांग लगा कर गधे के लंड पर बैठ गया पर गधा कहाँ रुकने वाला था। उसने लगाया अपना फाइनल शॉट तो मेंढक ही गधी की गांड में घुस गया।

    यह सब पेड़ पर बैठा एक बंदर देख रहा था। वो जोर ज़ोर से ताली बजा कर बोलने लगा, "गई गारंटी गांड में।" "गई गारंटी गांड में।"

    आप ने इस कहानी से क्या सीखा: कभी भी किसी की गारंटी नहीं लेनी चाहिए नहीं तो गांड में घुसने की नौबत आ सकती है।
  • संता की परेशानी!

    संता रेल्वे का रिज़र्वेशन फार्म भर रहा था, फार्म बार-बार रिजेक्ट हो जाता था। परेशान होकर पीछे खड़े व्यक्ति ने कहा, "संता जी फार्म दिखाईये।"

    संता ने फार्म कुछ यूँ भरा था:

    नाम - संता
    उम्र - 38 वर्ष
    लिंग - है।
    पत्नी का नाम - जीतो
    उम्र - 36 वर्ष
    लिंग - नहीं है।
    पुत्र का नाम - पप्पू
    उम्र - 8 वर्ष
    लिंग - छोटा सा है।
  • कुछ तो लेकर ही जाऊंगा!

    सिंधी के घर के बाहर पठान ने आवाज लगाई।

    अंदर से सिंधी सिर्फ तौलिया लपेटे बाहर आया और हाथ जोडकर बोला, "बाबा 5 साल से आप मैरे घर भिक्षा मांगने आ रहे हैं और मैंने बिना कुछ दिये आपको कभी नही लौटाया, पर आज मेरे पास कुछ नही है। रात को डाकू आये और मेरे जीवन भर की कमाई ले गये। यहाँ तक कि बदन पे कपडे भी नही छोडे। अब मैं नंगा आपको क्या दूँ और खुद क्या खाऊँ?"

    यह कहते हुए सिंधी रोने लगा।

    यह देख पठान की आँख मे भी आँसू आ गये। पठान ने सिंधी के सिर पर हाथ रखा और बोला, "रो मत बेटा, सब ऊपर वाले की मर्जी है। पगले अब दुख मत कर नंगा है तो क्या हुआ? चल अंदर आज गांड ही दे दे।"
  • सौ पुत्रोंं का राज़!

    धृतराष्ट्र : "मैं बहुत खुश हूँ प्रिये, तुमने मुझे 100 पुत्र दिये।"

    गंधारी: "ये संभव ना होता स्वामी, अगर आप अंधे ना होते।"

    धृतराष्ट्र: "क्या मतलब ? क्या ये सौ पुत्र मेरे नहीं हैं तो किसके है?"

    गांधारी: "क्या पता? मैनें भी ते आखों पर पट्टी बाँध रखी है !
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT