एक बार संता पठान के घर गया। पठान, उसकी बीवी और संता सब टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे कि अचानक संता ने अपने पैरों में कुछ हरकत महसूस की। संता ने टेबल के नीचे देखा तो पठान की बीवी संता को छेड़ रही थी। संता ने पठान की बीवी की तरफ देखा तो वो संता को इशारा कर के रसोई में चली गयी। संता ने भी बहाना बनाया और रसोई में चला गया। रसोई में पठान की बीवी ने संता से पूछा, "क्या हुआ? क्या समझे?" संता: वही जो तुम चाहती हो। पठान की बीवी: तो फिर क्या इरादा है? संता: जैसे तुम कहो। पठान की बीवी: 10,000 रुपये लगेंगे। संता ने कुछ देर सोचा और बोला, "ठीक है, मैं कल आऊंगा।" अगले दिन संता पैसे लेकर आया और उसने जमकर पठान की बीवी की चुदाई की। शाम को जब पठान वापिस घर लौटा तो उसने बीवी से पूछा, "संता आया था क्या?" बीवी पहले तो यह सुनकर घबरा गयी कि कहीं पठान को पता तो नहीं लग गया फिर थोड़ी हिम्मत करके बोली, "जी हाँ, आया था।" पठान: चलो अच्छा है, दरसल वो मुझ से सुबह 10,000 रुपये ले गया था और बोल रहा था की शाम तक भाभी जी को घर पर दे जाऊंगा।" |
दो मित्र आपस में बातें कर रहे थे। एक काफी उत्तेजित था और कह रहा था, "अब मैं अपनी पत्नी को तलाक दे ही दूंगा।" दूसरा मित्र: क्या बात हो गई? पहला मित्र: उसने मुझे बेवकूफ कहा है। दूसरा मित्र: तो तुमने कोई बेवकूफी की होगी? पहला मित्र: नहीं यार! दूसरा मित्र: फिर? दूसरा मित्र: कल रात जब मैं घर पहुंचा तो मैंने उसे किसी दूसरे आदमी की बाहों में देखा। जब मैंने उससे इसका मतलब पूछा तो उसने बिगड़कर कहा, "बेवकूफ कहीं के! तुम्हें तो इसका मतलब भी नहीं पता।" |
एक मिस्त्री डॉक्टर के पास अपनी चोट दिखाने आया। डॉक्टर: चोट कैसे लग गई? मिस्त्री: जी मैं एक इमारत पर सीढ़ी लगाकर मुरम्मत कर रहा था। सामने वाली इमारत में एक सुंदर सी लड़की नहा रही थी कि अचानक सीढ़ी गिर पड़ी और मुझे चोट लग गई। डॉक्टर: हाय, सीढ़ी को भी उसी समय गिरना था। मिस्त्री: जनाब! अगर एक सीढ़ी पर दस आदमी चढ़े होंगे तो सीढ़ी गिरेगी नहीं तो क्या होगा! |
हम ने जुर्रत जो दिखाई तो बुरा मान गयी; हद हर एक मिटाई तो बुरा मान गयी; खुद ही कहती थी कोई तालुक ना रखो; कोई दूसरी फंसाई तो बुरा मान गयी; खुद ही कहती थी कि छू कर मुझे सोना कर दो; हमने मम्मे दबाये तो बुरा मान गयी; कहती थी हमें कि लॉलीपॉप पसंद है; हमने लुल्ली जो दिखाई तो बुरा मान गयी; ठोकने के लिए उसको हमने खटिया बिछा दी; बस इसी बात का बुरा मान गयी; खुद ही बोली कि कली से फूल मुझे बना दो; हमने जब कर दी चुदाई तो बुरा मान गयी!; |