इस दुनिया में दोस्त कम मिलेंगे; ज़िंदगी के हर मोड़ पे गम ही गम मिलेंगे; जहाँ दुनिया अपनी नज़र चुरा ले तुमसे; उसी मोड़ पे दोस्त खड़े हम मिलेंगे। |
आसमान से उतारी है, तारों से सजाई है; चाँद की चाँदनी से नहलायी है; ऐ दोस्त, संभाल कर रखना ये दोस्ती; यही तो हमारी ज़िंदगी भर की कमाई है। |
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी; दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी; जिसे दोस्त मिल जाये कोई आप जैसा; उसे ज़िंदगी से शिकायत और क्या होगी। |
दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं; पर दोस्ती के मामले में सच्चे है; हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है; कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं। |
हमारी गलतियों से कहीं टूट न जाना; हमारी शरारतों से कहीं रूठ न जाना; तुम्हारी दोस्ती ही है ज़िंदगी मेरी; इस प्यारे से बंधन को तुम भूल न जाना। |
दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है; दोस्त ना हो तो महफ़िल भी शमशान है; सारा खेल दोस्ती का है वरना; जनाज़ा और बारात एक समान है। |
खुशबू की तरह मेरी साँसों में रहना; लहू बनके मेरी नस-नस में बहना; दोस्ती होती है रिश्तों का अनमोल गहना; इसलिए दोस्त को कभी अलविदा न कहना। |
एक फूल कभी दो बार नहीं खिलता; ये जनम बार-बार नहीं मिलता; ज़िंदगी में तो मिल जाते हैं हज़ारों लोग; पर सच्चा दोस्त बार-बार नहीं मिलता। |
दोस्ती किसी से यूँ निभा लो; कि उसके दिल के सारे ग़म चुरा लो; इतनी छाप छोड़ दो किसी पर दोस्ती की; कि खुदा भी हमें अपना दोस्त बना लो। |
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलवाया; दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया; फिर खुदा ने फरमाया कि; दोस्ती रहेगी उसकी कायम, जिसने दोस्ती को दिल से निभाया। |