भक्त निर्मल बाबा से: बाबा हर साल बच्चा पैदा हो जाता है, क्या करूँ? निर्मल बाबा: कंडोम इस्तेमाल करते हो? भक्त: हाँ करता हूँ। निर्मल बाबा: कंडोम मोहल्ले में भी बाँट दिया करो... कृपा वहीं से आ रही है! |
ज़िन्दगी में छोटी-छोटी चीज़ें बहुत मायने रखती हैं! जैसे लौंडे शब्द में बिंदी! |
सास, बहू से: मेरे बेटे को खुश रखा कर। बहू: और कितना खुश रखूं? इतनी सर्दी में रात भर नंगी सोती हूँ। |
लड़की: भोसड़ी के तेरी गाँड मार लूंगी। लडका: प्रतिभा तो बहुत है आप में, लेकिन साधन नहीं है! |
सुलभ शौचालय की दीवार पर लिखा कड़वा सच: आती-जाती सरकारों से आपको जो मिला वो आपके हाथों में है! |
दोस्ती ऐसी होनी चाहिए कि कभी अकेले निकलो तो मोहल्ले वालों के दिल में सवाल उठे... . . . . वो दूसरा मादरचोद कहाँ है? |
बचपन की मासूमियत खो गयी। ये तब जाना जब चोट लगने पर "ओह माँ" की जगह पर "इसकी माँ का" निकलने लगा। |
मैं न्यूज़ चैनलों के पक्षपाती व्यवहार से बहुत निराश हूँ! रिहाना ने ट्वीट किया तो उसके गाने तो दिखा रहे हैं लेकिन मिया ख़लीफ़ा की कोई भी फिल्म अभी तक नहीं दिखाई! |
कुछ लोग दिखावे के लिए अच्छे बनते हैं लेकिन ये भूल जाते हैं कि 'मेरा पीछा मत करो से लेकर बाबू... पीछे से मत करो' में ही जिंदगी के असली मजे हैं! बाकी सब मोह माया है! |
बेटा: पापा हम जब दुबई जाएंगे तो मियां खलीफा पर चढ़ेंगे! पापा: अबे उल्लू के पट्ठे, वह मियां खलीफा नहीं बुर्ज खलीफा है! |