हास्य शायरी Hindi Adult and Non veg Restricted

  • ग़ालिब ने भी क्या खूब कहा है<br/>
`सपना` को देखकर सपने मे `स्वपनदोष` हो गया,<br/>
`सपना` भी बच गई और `संतोष` भी हो गया।Upload to Facebook
    ग़ालिब ने भी क्या खूब कहा है
    "सपना" को देखकर सपने मे "स्वपनदोष" हो गया,
    "सपना" भी बच गई और "संतोष" भी हो गया।
  • हम वो आशिक हैं जो सुबह को शाम बना देते हैं,<br/>
छोटी छोटी मौसमबियों को आम बना देते हैं,<br/>
हम से पंगा न ले छोरी,<br/>
हम तो वो हैं जो छोटी सी दुकान का भी गोदाम बना देते हैं!Upload to Facebook
    हम वो आशिक हैं जो सुबह को शाम बना देते हैं,
    छोटी छोटी मौसमबियों को आम बना देते हैं,
    हम से पंगा न ले छोरी,
    हम तो वो हैं जो छोटी सी दुकान का भी गोदाम बना देते हैं!
  • चाईनीज मोहब्बत थी साहब, टूट कर बिखर गई,<br/>

पर लण्ड हिन्दुस्तानी था, टाँका भिड़ा के दूसरी चोद ली!Upload to Facebook
    चाईनीज मोहब्बत थी साहब, टूट कर बिखर गई,
    पर लण्ड हिन्दुस्तानी था, टाँका भिड़ा के दूसरी चोद ली!
  • गम में भी हमको जीना आता है;<br/>
सेक्स करके भी पसीना आता है;<br/>
एक हम हैं कि तुम्हें अक्सर मैसेज करते हैं;<br/>
एक तुम्हारा मैसेज है, जैसे औरतों को महीना आता है।Upload to Facebook
    गम में भी हमको जीना आता है;
    सेक्स करके भी पसीना आता है;
    एक हम हैं कि तुम्हें अक्सर मैसेज करते हैं;
    एक तुम्हारा मैसेज है, जैसे औरतों को महीना आता है।