किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया; अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया; हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर; तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया। |
बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता; अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता; सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी; वरना अब तक तो मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी। |
लम्हा-लम्हा इंतज़ार किया उस लम्हे के लिए; और वो लम्हा आया भी तो बस एक लम्हे के लिए; गुज़ारिश है यह खुदा से कि काश; वो लम्हा फिर से मिल जाये बस एक लम्हे के लिए। |
भले ही राह चलते तू औरों का दामन थाम ले; मगर मेरे प्यार को भी तू थोड़ा पहचान ले; कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में मैंने; ज़रा इस दिल की बेताबी को भी तू जान ले। |
कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर; वो मिले भी तो एक किनारा बनकर; हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह; बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर। |
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल चाहता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ। |
उस अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है; इंकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है; उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद; फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है। |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही तो याद करती हैं; जब तक देख न लें चेहरा आपका; तब तक हर घडी आपका इंतज़ार करती हैं। |
नज़र चाहती है उनका दीदार करना; दिल चाहता है उनसे प्यार करना; क्या बतायें है इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है बस इंतज़ार करना। |
भले ही राह चलतों का दामन थाम ले; मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले; कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में; ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले। |