इतिहास में पहली बार... . . . . . हमने "होली से दीपावली" तक स्कूलों की छुट्टियाँ देखी हैं! |
आजकल के बच्चों को क्या पता मेहनत किसे कहते हैं! एक हम हैं जिन्हें S टाइप करने के लिए भी 7 को चार बार दबाना पड़ता था! |
आज का ज्ञान: 'मीत ना मिला रे मन का' एक ऐसा गाना है, जो लाख फेवरिट होने पर भी घर में नहीं गा सकते! |
'झूठ बोले कौआ काटे' का सबसे बाद झूठ तो यही है कि कौआ चोंच मारता है, काटता नहीं है! ज्ञानी तो बचपन से ही हूँ! |
प्राचीन लोग अच्छे थे! बाण मारते थे! |
जब भी बैंक जाओ, तो 2 पेन लेकर जाओ! एक खुद के लिए, दूसरा मांगने वालों के लिये! आज बैंक में मुझे कोई पेन नहीं दे रहा था तो सोचा बता दूँ सबको! |
गाँव कितना भी महंगा पिल्ला ले आओ, चाहे किसी भी नस्ल का हो... . . . . . . अगर रंग काला है तो पिल्ले का नाम "कालू" ही रहेगा। |
अगर ऐसे ही ऑनलाइन पढ़ाई लंबे समय तक चलेगी तो... दुनियाभर से हम जैसे लास्ट बेंच वालें "इंटेलिजेंट और क्रियेटिव" लोंगो की पूरी जाति ही विलुप्त हो जायेगी! |
अपनी खुद की गलती पर हँसना आपकी उम्र बढ़ा सकता है! ~ चाणक्य अपनी पत्नी की गलतियों पर हँसना आपकी उम्र घटा सकता है! ~ चाणक्य का रिश्तेदार |
एक बात पूछनी थी कि... मायके गयी पत्नी जब फोन पर लड़ती है तो... क्या उसे 'Work From Home' माना जायेगा? |