बिताए हुए कल में आज को ढूँढता हूँ; सपनों में सिर्फ आपको देखता हूँ; क्यों हो गए आप मुझसे दूर, यह सोचता हूँ; तन्हा, यारों से छुपकर रोता हूँ। |
नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता; फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता; ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है; यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता। |
हर किसी के नसीब में सच्चा प्यार नहीं होता; सब किस्मत का खेल है, किसी का कोई दोष नहीं होता; मेरे नसीब में सिर्फ तड़प, जुदाई, और नफरत ही बची है, अब खुश रह नहीं होता। |
पलकों के किनारे हमने भिगोए ही नहीं; वो सोचते हैं हम रोए ही नहीं; वो पूछते हैं कि ख़्वाबों में किसे देखते हो; हम हैं कि एक उम्र से सोए ही नहीं। |
सुन लिया हम ने फैसला तेरा; और सुन के उदास हो बैठे; ज़हन चुप चाप आँख खाली; जैसे हम क़ायनात खो बैठे। |
ये इश्क़ वालों की क़िस्मत बुरी होती है; हर मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है; कहीं भी देख लेना आज़माकर; सच्चे प्यार को जुदाई ही नसीब होती है। |
धोखा दिया था जब तूने मुझे; जिंदगी से मैं नाराज था; सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं; मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था। |
लम्हें जुदाई को बेकरार करते हैं; हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं; आँखे मेरी पढ़ लो कभी; हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं। |
जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला नहीं मुझमें तुम्हें भुला देने का; काम सदियों का है यह, लम्हों में कहाँ होता है। |
लम्हें जुदाई के बेकरार करते हैं; हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं; आँखें मेरी पढ़ लो कभी भी; हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं। |