प्यार करो तो मुस्कुरा के; किसी को धोखा न देना अपना बना के; कर लो याद जब तक हम जिंदा हैं; वर्ना ये मत कहना; छोड़ गये दिल में यादे बसा के! |
आज की रात मेरा दर्द मोहब्बत सुन ले; कप कपाते हुए होंठों की शिकायत सुन ले; आज इज़हारे ख़यालात का मौका दे दे; हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह! |
हमसे भुलाया ही नहीं जाता, एक मुखलिस का प्यार; लोग जिगर वाले हैं, जो रोज नया महबूब बना लेते हैं! |
जज़्बात बहकता है, जब तुमसे मिलती हूँ; अरमां मचलता है, जब तुमसे मिलती हूँ; हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं; दिल से दिल मिलते हैं, जब तुमसे मिलती हूँ! |
हसरतों पर रिवाजों का सख्त पहरा है; न जाने कौन सी उम्मीद पर जाकर, यह दिल ठहरा है; मेरी आँखों में से छलकते हुए यह अश्क और गम की कसम; मेरा यह प्यार, बहुत गहरा है! |
तूने मुझको नहीं सारे इश्क को बदनाम किया; उसको क्या सज़ा दूं, जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया! |
उसको क्या सज़ा दूं, जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया; गुनाह तो हमने किया, जो उसकी बातो को मोहब्बत का रंग दे दिया! |
मुझे न सताओ इतना कि मैं रूठ जांऊ तुमसे! मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना! |
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी; हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी; जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके; पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी! |
किसी न किसी पर किसी को एतबार हो ही जाता है; अजनवी कोई शख्स यार हो ही जाता है; खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा; खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है! |