सीढ़ियाँ उनके लिए बनी हैं, जिन्हें छत पर जाना है, लेकिन जिनकी नज़र, आसमान पर हो उन्हें तो रास्ता ख़ुद बनाना है। |
कागज़ अपनी किस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी क़ाबलियत से! किस्मत साथ दे या ना दे मगर क़ाबलियत ज़रूर साथ देगी। |
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है, पतझड़ बसंत में बदल ही जाता है, मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना, समय कैसा भी हो गुज़र ही जाता है। |
सोच को तुम अपनी ले जाओ शिखर तक; कि उसके आगे सारे सितारे भी झुक जायें; ना बनाओ अपने सफर को किसी कश्ती का मोहताज़; चलो इस शान से कि तूफ़ान भी झुक जाये। |
जो सिरफिरे होते हैं इतिहास वही लिखते हैं, समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढते हैं, परख अगर हीरे की करनी है तो अंधेँरे का इंतज़ार करो, वरना धूप में तो काँच के टुकडे भी चमकते हैं। |
खोकर पाने का मज़ा कुछ और ही है; रोकर मुस्कुराने का मज़ा कुछ और ही है; हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त; हारने के बाद जीतने का मज़ा कुछ और ही है। |
रोज़ - रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ। |
स्वंय को ऐसा बनाओ जहाँ तुम हो, वहाँ तुम्हें सब प्यार करें, जहाँ से तुम चले जाओ, वहाँ तुम्हें सब याद करें, जहाँ तुम पहुँचने वाले हो, वहाँ सब तुम्हारा इंतज़ार करें। |
दीपक बोलता नहीं उसका प्रकाश परिचय देता है। ठीक उसी प्रकार आप अपने बारे में कुछ न बोलें, अच्छे कर्म करते रहें बस वही आपका परिचय देंगे। |
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकद्दर की बात है, हम कोशिश भी ना करें ये तो गलत बात है। |