रद्दी खरीदने वाला: साहब पुराने कपडे, पेपर, बर्तन हो तो दे दीजिये। संता:अभी जाओ मेम साहब नहीं हैं, मायके गयी हैं। रद्दी वाला (पूरे विश्वास से): तो फिर खाली बोतलें ही दे दीजिये। |
बंता: यार वो कौन से 6 बच्चे हैं जो खुद सारा दिन आवारागर्दी करते हैं, ना खुद पढ़ते हैं और ना दूसरे बच्चों को पढ़ने देते हैं। संता: वही नोबिता, शिज़ुका, जियान, सुनीयो, छोटा भीम और वो साला डोरेमोन। |
बंता: परिवर्तन की क्या परिभाषा है? संता (शायराना अंदाज़ में): जो कभी बादलों की गरज से डर कर लिपट जाती थी मुझसे, आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा गरजती है। ~ पत्नियों को समर्पित |
संता: चाकू क्यों उबाल रहे हो? बंता: ख़ुदकुशी करने के लिए। संता: मगर इसे उबालने की क्या ज़रुरत? बंता: मुझे कहीं इन्फेक्शन हो गया तो? |
जीतो अपने शराबी पति को सुधारने के लिए काले कपडे पहन कर घर के बाहर खड़ी हो गयी। संता: तुम कौन हो? जीतो: चुड़ैल संता: हाथ मिला, मैं तेरी बहन का पति। |
जीतो: आप जो मुझे नाम लेकर बुलाते हैं इस कारण बच्चे भी मुझे नाम लेकर बुलाने लगे हैं। संता: अच्छा! कल से मैं तुम्हें मम्मी कहकर बुलाऊँगा। |
बंता: भाई परेशान क्यों है? संता: आज कौन सी दारु पी जाये इसी Scotch में डूबा हूँ। |
बंता: यार मैं बहुत परेशान हूँ, मेरी बीवी मुझसे 1 पप्पी का 100 रुपये लेती है। संता: तू तो किस्मत वाला है यार! दूसरों से 500 रुपये लेती है। |
मिनी: मैं पडोसी से प्यार करती हूँ और उसके साथ भाग रही हूँ। बंता: अरे, वाह, बहुत बढ़िया मेरे पास और समय दोनों बच गए। मिनी: पापा, मैं चिट्ठी पढ़ रही हूँ, जो मम्मी रखकर गयी है। |
बंता: भाई आपके वहाँ सर्दी कैसी है? संता: बिलकुल BSNL जैसी है। बंता: मतलब? संता: घर से बाहर निकलो तो ही लगती है। |