संता कड़ी गर्मी में धूप में खड़ा था। बंता: संता ये तुम क्या कर रहे हो? संता: मैं पसीना सुखा रहा हूँ। |
बंता: "मैडम तुसाद" और मैडम सोनिया में क्या अंतर है? संता: मैडम तुसाद का एक भी पुतला आज तक प्रधानमंत्री नहीं बन पाया। |
संता: मैंने एक ऐसी चीज का पता लगाया है जिससे दीवार के आर-पार देखा जा सकता है। बंता: क्या? संता: सूराख। |
बंता: तुमने अपनी पत्नी को उसके जन्मदिन पर हीरे की अंगूठी क्यों दी, वो तो कार लेना चाहती थी? संता: लेकिन मैं नकली कार कहाँ से लेकर आता। |
संता सड़क पर घूम रहा था। बंता: ये सड़क कहां जाती है? संता: ये सड़क कहीं नहीं जाती रात दिन यहीं पड़ी रहती है। |
संता: भगवान् का लाख-लाख शुकर है कि अंडरवियर के नाम यूरो (Euro) और डॉलर (Dollar) हैं। बंता: यह ख्याल तुम्हारे मन में क्यों आया? संता: जिस तेज़ी से रुपए की कीमत गिर रही है, अगर भारतीय मुद्रा के नाम पर अंडरवियर होते, और जिस तेज़ी से निचे गिर रही है, हमारी तो कोई इज्जत ही नहीं रह जाती। |
जीतो: फोन पर इतनी धीमी आवाज में किससे बात कर रहो हो? संता: बहन से। जीतो: तो फिर धीमी आवाज में किस लिए? संता: तेरी है। |
एक आदमी 2 साल बाद अपना खाली प्लाट देखने गया तो वहां पर कोठी बनी हुई थी और संता कुर्सी पर बैठा था। आदमी: यहाँ तो मेरा प्लाट था? संता: कोठी के नीचे आ गया होगा। |
संता: ऐसी कौन सी चीज़ है जो लाल है और ट्रिन-ट्रिन करती है? बंता: टेलीफोन। संता: गलत। बंता: फायर ब्रिगेड। संता: नहीं। बंता: तो फिर? संता: टमाटर, ट्रिन-ट्रिन तो उलझन में डालने के लिए बोला था। |
एक सरकारी बोर्ड पर लिखा हुआ था, कृप्या शोर ना करें; संता ने उसके नीचे लिख दिया; . . . . . . "वर्ना हम जाग जायेंगे!" |