आज सुबह सूरज बिलकुल आप जैसा निकला; बिलकुल वही खूबसूरती; वही नूर, वही गुरूर, वही सरूर; और वही आपकी तरह हमसे दूर। सुप्रभात! |
सुबह का मौसम और आपकी याद; हलकी सी ठंडक और चाय की प्यास; यारों की यारी और यारी की मिठास; शुरू कीजिए अपना दिन मेरी सुप्रभात के साथ। सुप्रभात! |
ना सर्दी ना जुकाम; ना नमस्ते ना सलाम; सुबह होते ही हमारा सबसे पहला काम; एक प्यारा सा संदेश आपके नाम। सुप्रभात! |
नई सी सुबह नया सा सवेरा; सूरज की किरणों में हवाओं का बसेरा; खुले आसमान में सूरज का चेहरा; मुबारक हो आपको ये हसीन सवेरा। सुप्रभात! |
सुबह में कोई मेरा संदेश आए तो; यूँ ना समझना मैने आपको परेशान किया; इसका मतलब है आप वो ख़ास हैं; जिसे मैंने अपनी आँखें खुलते ही याद किया! सुप्रभात! |
लोग कहते हैं कि सुबह-सुबह अच्छे लोगों को याद करने से दिन अच्छा गुज़रता है। इसलिए मैंने सोचा कि आपको अपनी याद दिल दूँ। सुप्रभात! |
जा चूका है अँधेरा; रौशनी ने दिया है पहरा; आपका और मेरा रिश्ता है गहरा; मेरी तरफ से आपको हैप्पी सवेरा! सुप्रभात |
रहना तो चाहते थे साथ उनके; पर इस ज़माने ने रहने ना दिया; कभी वक़्त की ख़ामोशी में खामोश रहे; तो कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया। सुप्रभात! |
आप तो मंज़िल को मुश्किल समझते हैं; हम आपको मंज़िल समझते हैं; बड़ा फर्क है आपके और हमारे नज़रिए में; आप हमें सपना और हम आप को अपना समझते हैं! सुप्रभात! |
चाहे आप सिर पीटो; चाहे गुस्सा करो चाहे आप बिस्तर पे कूदो; या मोबाइल उठा के फ़ेंक दो; हम तो इतने बजे ही गुड मॉर्निंग कहेंगे! सुप्रभात! |