नींद के भी बड़े अजीब नखरे हैं साहेब; जब आ जाती है, तो सब कुछ भुला देती है। और ना आये तो भूला हुआ सब कुछ याद करा देती हैं। सुप्रभात! |
संता: आप क्या जॉब करते हैं? बंता: सिंगर हूँ! संता: कभी देखा या सुना तो नहीं गाते हुए! बंता: मोहल्ले वाले चुप रहने के 20 हजार महीना देते हैं! |
देश का तो पता नहीं... पर आमिर ख़ान के जीवन में तीसरी लहर ज़रूर आएगी। |
इस बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से ज़्यादा तो हमारा गैस सिलिंडर चला! |
मिली हो तुम मुझको, फूटे नसीबों से... ठगा है तुमने मुझे... फिल्टर वाली तस्वीरों से। . . . . . . Whatsapp आशिक़ के मन की बात! |
आज कल के शुभचिंतक ऐसे होते हैं... जो आप का काम होते देख चिंतित हो जाते हैं! |
नशा चढ़ता है हम पर... तुझे सोचने भर से; मुलाकात का आलम खुदा खैर करे! |
जब झुकी हुई गर्दन से मोबाइल में अजनबी रिश्ते जुड़ जाते हैं तो हकीकत के रिश्ते में गर्दन झुका लेने में क्या हर्ज़ है! |
लोगों के काम आते रहिये क्योंकि सुंदरता का एक उसूल है कि जिस कुएँ से लोग पानी पीते रहे वो कभी सूखता नहीं! सुप्रभात! |
मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति तो हूँ नहीं,लेकिन मेरा मानना है कि देश में दो ही पार्टियां होनी चाहिए, . . .. . . . . . एक शनिवार की रात को और दूसरी रविवार की दिन में। |