"आने दो शाम को तेरे पापा को" एक यही खौफ था बच्चों को, लॉकडाउन में ये भी अब खत्म हो गया! |
रौशनी नाम था उसका लेकिन 7-8 लड़कों को अँधेरे में रखा था उसने! |
ਜਿਹੜੀਆਂ ਬੀਬੀਆਂ ਮਾਸਕ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਚੁੰਨੀ ਨਾਲ ਮੂੰਹ ਲਪੇਟ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬੇਨਤੀ ਹੈ ਕਿ ਮਾਸਕ ਲਗਾਇਆ ਕਰੋ, ਕਿਉਂਕਿ... ਕੋਰੋਨਾ ਵਾਇਰਸ ਹੈ, ਤੁਹਾਡਾ ਜੇਠ ਨਹੀਂ ਹੈ! |
जिंदगी को खुलकर जीने के लिए एक छोटा-सा उसूल बनाएँ! रोज़ कुछ अच्छा याद रखें और कुछ बुरा भूल जाए। सुप्रभात! |
चित्रकार: ऐसी तस्वीर बनाऊँगा कि आपको ऐसा लगेगा की पत्नी अभी बोल पडे़गी आदमी: तो तू रहने दे भाई! |
उम्मीद है अब तक आप लोगों ने रेमडेसिविर बोलना सीख लिया होगा! आइये अब बोलिये, टोसिलिजुमैब! |
एक लड़की नये जूते पहन कर मुश्किल से चल रही थी। एक बुढ़िया ने पूछा: छोरी जूते ऑन लाइन खरीद के लाई के? लड़की भी हरियाणे की थी, और बोली: ना ताई पेड़ से तोड़ के ल्याई सूं! ताई भी हरियाणवी थी, जवाब दिया: छोरी, तोड़ने मे जल्दी कर दी, पाकण देती, तो तेरे नाप के हो जाते! |
पति-पत्नी की नोंक-झोंक का विषय भी बदल रहा है! ढंग से पोंछा तो मार नहीं सकते, पता नहीं ऑफिस कैसे सँभालते होंगे? |
पुरुषों का दर्द: ऑक्सीजन का लेवल तो ठीक है लेकिन दिन भर घर पर पड़े रहने के कारन इज़्ज़त का लेवल बहुत गिर गया है! |
आपका व्यवहार ही आपको मर्द बनाता है, बाकी मूछें, वो तो इस लॉकडाउन में सुशीला, बिमला और पिंकी को भी आ गयी हैं! |